आ रही भयानक तबाही: आइसबर्ग से बढ़ा खतरा, अब विनाश होना तय
सबसे बड़े आइसबर्ग के सामने बर्फीले समंदर में समा गया टाइटैनिक जहाज भी कुछ नहीं है। ऐसे में एक ट्रिलियन टन के आइसबर्ग की पहली फोटोज सामने आ चुकी हैं जो ब्रिटिश टापू के तट की तरफ बढ़ रहा है। बदलती स्थितियों को देखते हुए वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है।
नई दिल्ली। दुनिया के सबसे बड़े आइसबर्ग के सामने बर्फीले समंदर में समा गया टाइटैनिक जहाज भी कुछ नहीं है। ऐसे में एक ट्रिलियन टन के आइसबर्ग की पहली फोटोज सामने आ चुकी हैं जो ब्रिटिश टापू के तट की तरफ बढ़ रहा है। बदलती स्थितियों को देखते हुए वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस बर्फीले पहाड़ की वजह से हजारों सील मछलियों, पेंग्विन और दूसरे वन्यजीवों पर खतरा मंडराने लगा है। जीवविज्ञानियों ने चेतावनी दी, जिससे पर्यावरण को काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है।
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यह आइसबर्ग टापू से भिड़ गया
वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुए बताया कि इस A68a नाम का यह आइसबर्ग टापू से भिड़ गया, तो पर्यावरण को भयानक नुकसान हो सकता है और लाखों जानवरों के घरों पर अस्तित्व पैदा हो जाएगा। सामने आई एक आकलन के अनुसार, इस आइसबर्ग का वजन एक ट्रिलियन टन है और यह सिर्फ 200 मीटर गहरा है। इसकी वजह से इसका जमीन से टकराने का खतरा दूसरे विशाल आइसबर्ग की तुलना में कहीं ज्यादा है।
आज से आइसबर्ग तीन साल पहले अंटार्कटिक आइस शेल्फ से कटकर अलग हो गया था। इसके बाद करीब 10,000 मील का सफर तय करने के बाद दक्षिण अटलांटिक में दक्षिण जॉर्जिया से 125 मील दूर पहुंचा।
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तट से टकराएगा या गुजर जाएगा
सामने आई RAF की तस्वीरों में यह विशालकाय आइसबर्ग दिखा है जिसका आकार मुट्ठी की तरह है। इस बारे में ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के डॉ. ऐंड्रू फ्लेमिंग के अनुसार, अगले दो से तीन हफ्ते में इसे लेकर स्थिति साफ होगी कि क्या यह तट से टकराएगा या गुजर जाएगा।
आगे उन्होंने कहा है कि अभी यह दक्षिण जॉर्जिया के ही आकार का है। वहीं वैज्ञानिकों का मानना था कि फरवरी में महासागर में बहने के बाद A68a हजारों छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट गया लेकिन हैरान करने वाली बात रही कि वह अभी भी एक विशाल आकार में है।
डॉ. ऐंड्रू फ्लेमिंग का कहना है कि यह आइसबर्ग फिलहाल दुनिया में सबसे बड़ा है और इतिहास के पांच सबसे बड़े आइसबर्ग में से एक है। डॉ. फ्लेमिंग ने कहा है कि टूटने के बाद इसका एक-चौथाई हिस्सा टूटकर अलग हो गया है।
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टूटकर अलग होने वाले हिस्से भी छोटे-छोटे
टूटे हुए हिस्से के बारे में डॉ. फ्लेमिंग ने बताया है कि इससे टूटकर अलग होने वाले हिस्से भी छोटे-छोटे आइसबर्ग की तरह हैं। इनसे जहाजों को खतरा पैदा हो सकता है। तट की तरफ पानी का तापमान ज्यादा है और इससे टकराने वाली लहरें इसे तोड़ रही हैं। अगर यह दक्षिण जॉर्जिया से नहीं टकराया तो बड़ा विनाश टल जाएगा और धीरे-धीरे यह महासागर में गलकर मिल जाएगा।
इस बारे में ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के बायॉलजिस्ट प्रफेसर जेरायंट टार्लिंग ने चेतावनी दी है कि अगर यह टापू से टकरा गया तो विनाशकारी नतीजे होंगे। आइसबर्ग से निकलने वाले ठंडे और फ्रेश पानी की वजह से food chain (खाद्य श्रृंखला) के सबसे नीचे रहने वाले जीवों, जैसे काई (microalgae) और प्लैंकटन के अस्तित्व पर खतरा पैदा हो जाएगा। 'इसका असर दूसरे जीवों पर होगा जो खाने के लिए इन जीवों पर निर्भर करते हैं।'
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