पाकिस्तान में मौलाना की हत्या पर बवाल, इमरान खान ने भारत पर लगाया आरोप

पाकिस्तान को करीब से जानने वाले लोग इसे सुन्नी और शिया समुदाय के बीच खूनी दुश्मनी के तौर पर देख रहे हैं। जिसका की पाकिस्तान क अंदर एक लम्बा चौड़ा पुराना इतिहास रहा है।

Update:2020-10-11 17:29 IST
खान को ले जा रही कार जब शाह फैसल कॉलोनी में एक शॉपिंग सेंटर के निकट रुकी, तो दोपहिया वाहन पर सवार बदमाशों ने उनपर गोलियों से हमला कर दिया।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने एक बार फिर से बिना सबूतों के भारत पर बड़ा ही गंभीर आरोप लगाया है। कराची में बाइक सवार हमलवारों ने एक बड़े सुन्नी मौलाना आदिल खान की गोली मारकर हत्या कर दी है। उनकी मौत के लिए पाकिस्तान ने भारत पर दोषारोपण किया है।

वहीं जानकारों की मानें तो इमरान खान ने इस तरह का बयान केवल देश के अंदर अपने लोगों का ध्यान भटकाने के लिए दिया है। क्योंकि मौलाना की हत्या के बाद से पाकिस्तान के अंदर इमरान खान की जमकर आलोचना हो रही है।

पाकिस्तान के अंदर राज्य सरकार इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने में फेल साबित हो रही है। इसलिए सोची समझी रणनीति के तहत इमरान खान ने ऐसा बयान दिया है।

फायरिंग की प्रतीकात्मक फोटो(सोशल मीडिया)

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जामिया फारूकिया के संस्थापक थे मौलाना

बता दें कि कराची के जामिया फारूकिया मदरसे के प्रमुख मौलाना डॉक्टर आदिल खान की शनिवार को हत्या कर दी गई। उनके बारे में ऐसा बताया जा रहा है कि शाह फैसल कॉलोनी में स्थित मदरसे जामिया फारूकिया के संस्थापक मशहूर विद्वान मौलाना सलीमुल्ला खान के बेटे थे।

बताया जा रहा है कि जामिया फारूकिया देवबंदी पंथ की सुन्नी मुस्लिम शिक्षाओं को फालो करता है। बतौर पुलिस खान को ले जा रही कार जब शाह फैसल कॉलोनी में एक शॉपिंग सेंटर के निकट रुकी, तो दोपहिया वाहन पर सवार बदमाशों ने उन पर गोलियों से हमला कर दिया और इस दौरान गोली लगने वे बुरी तरह से जख्मी हो गये।

लाश की प्रतीकात्मक फोटो(सोशल मीडिया)

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ड्राइवर की बीच रास्ते में ही मौत

उन्हें नजदीक के ही लियाकत नेशनल हास्पिटल में एडमिट कराया गया जहां पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके वाहन चालक की अस्पताल ले जाने से पहले बीच रास्ते में ही मौत हो गई।

वहीं पाकिस्तान को करीब से जानने वाले लोग इसे सुन्नी और शिया समुदाय के बीच खूनी दुश्मनी के तौर पर देख रहे हैं। जिसका की पाकिस्तान क अंदर एक लम्बा चौड़ा पुराना इतिहास रहा है।

दोनों तरफ से सैकड़ों लोगों की जानें ली जा चुकी हैं। खास तौर पर धार्मिक विद्वानों को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है।

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