कश्मीर पर इमरान की नई चाल, अब भारत के खिलाफ उगल रहे गुस्सा

भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान हर टाइम यही सोचता है कि की वो भारत को कैसे नीचा दिखा सके। वो हर बार कोशिश करता है कि कैसे भी वो उसे हरा दे, लेकिन अफ़सोस वो हर बार न कामयाब हो जाता है।

Update: 2020-02-24 09:56 GMT

इस्लामाबाद: भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान हर टाइम यही सोचता है कि की वो भारत को कैसे नीचा दिखा सके। वो हर बार कोशिश करता है कि कैसे भी वो उसे हरा दे, लेकिन अफ़सोस वो हर बार न कामयाब हो जाता है। इसी को लेकर अब खबर आ रही है कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान कश्मीर मुद्दे पर पूरी तरह से हार मान चुके हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि भारत में मोदी सरकार के रहते हुए कश्मीर समस्या को लेकर कोई उम्मीद नहीं है।

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मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान कश्मीर का समाधान नहीं हो सकता है

इमरान खान ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान कश्मीर का समाधान नहीं हो सकता है क्योंकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक-नरेंद्र मोदी सरकार नाजी और हिटलर की विचारधारा का अनुसरण कर रही है।

उन्होंने कहा, मुझे इस सरकार से बहुत उम्मीद नजर नहीं आ रही है लेकिन भविष्य में एक मजबूत भारतीय नेतृत्व कश्मीर समस्या का समाधान जरूर निकालना चाहेगा।

इमरान ने कहा, भारतीय नेता जवाहर लाल नेहरू ने आजादी के आंदोलन के दौरान कश्मीरियों से आत्म-संकल्प के अधिकार का वादा किया था लेकिन भारत अब उन्हें ये अधिकार नहीं दे रहा है क्योंकि वे जानते हैं कि अगर कश्मीरियों को ये अधिकार दिया गया तो वे पाकिस्तान को चुनेंगे। कश्मीर मुस्लिम बहुल क्षेत्र है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि अगर भारत में मजबूत और स्पष्ट सोच वाला नेतृत्व आएगा तो इस समस्या का समाधान हो जाएगा। हर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।

उन्होंने कहा, फिलहाल भारत में समस्या ये है कि मौजूदा सरकार की आरएसएस अतिवादी विचारधारा है जो नाजियों से प्रेरित है। आरएसएस भारत की मौजूदा सरकार को चला रहा है जो हिटलर की नस्लवादी विचारधारा को मानती है। यही वजह है कि उन्होंने करोड़ों कश्मीरियों जो मुस्लिम हैं, उन्हें एक खुली कैद में रखा है।

अफगानिस्तान में शांति वार्ता को लेकर इमरान खान ने कहा

उन्होंने कहा कि वह अमेरिका और तालिबान के बीच संभावित समझौते को लेकर आशान्वित हैं। इमरान ने कहा, पहली बार चीजें सही दिशा में जा रही हैं, अमेरिकी तालिबान के साथ शांति और वार्ता चाहते हैं और तालिबान अमेरिकियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। इसके बाद सीजफायर की तरफ कदम आगे बढ़ाए जाएंगे होगा और फिर अगले चरण में तालिबान अफगान सरकार के साथ बैठकर बात करेगा।

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इमरान ने कहा कि जब से उनकी सरकार सत्ता में आई है, अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई। उन्होंने ये भी कहा कि अफगानिस्तान में 19 साल के लंबे संघर्ष की वजह से सब कुछ इतना आसान भी नहीं है। इमरान ने कहा, मैं यह देखकर खुश हूं कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के तौर पर मेरे कार्यकाल का पहला साल 9/11 हमले के बाद सबसे सुरक्षित साल रहा।

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