इन देशों ने दिखा दिया कंट्रोल हो सकता है कोरोना, वायरस से जीती जंग

दुनिया में कम से कम नौ ऐसे देश हैं जिन्होंने अभी तक कोरोना को सफलतापूर्वक कंट्रोल किया हुआ है। ये देश हैं – न्यूजीलैंड, आइसलैंड, तंज़ानिया, फिजी, मोंटेनेग्रो, वैटिकन सिटी, सेचेल्स, मारीशस और पापुआ न्यू गिनी। इसके अलावा चीन, ताइवान, कोरिया भी सफलता पूर्वक कोरोना अको कंट्रोल कर सके।

Update:2020-11-02 10:41 IST
इन देशों ने दिखा दिया कंट्रोल हो सकता है कोरोना, वायरस से जीती जंग (Photo by social media)

नई दिल्ली: कोरोनावायरस से पूरी दुनिया बेहाल है। अमेरिका हो, भारत या ब्राज़ील या फिर यूरोप, सब जगह बीमारी और महामारी के कारण आये आर्थिक संकट ने हालात बेहद खराब बना दिए हैं। चीन के वुहान से शुरू इस बीमारी के खिलाफ कुछ देशों ने बहुत शिद्दत से लडाई लड़ी है तो कई देश लड़खड़ाते नजर आये हैं। कोरोना के खिलाफ जंग जीतने वाले देश अमूमन छोटे और कम आबादी वाले हैं।

इन देशों ने किया कंट्रोल

दुनिया में कम से कम नौ ऐसे देश हैं जिन्होंने अभी तक कोरोना को सफलतापूर्वक कंट्रोल किया हुआ है। ये देश हैं – न्यूजीलैंड, आइसलैंड, तंज़ानिया, फिजी, मोंटेनेग्रो, वैटिकन सिटी, सेचेल्स, मारीशस और पापुआ न्यू गिनी। इसके अलावा चीन, ताइवान, कोरिया भी सफलता पूर्वक कोरोना अको कंट्रोल कर सके।

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न्यूजीलैंड में कोरोना अक पहला केस 28 फरवरी 2020 को मिला था। 25 मार्च को भारत की तरह इस देश ने भी दुनिया के सबसे सख्त लॉकडाउन में से एक को लागू किया। न्यूजीलैंड में कोरोना अप्रैल में पीक पर पहुंचा जब देश में रोजाना औसतन 89 नए केस आने लगे और कुल एक्टिव केस ९२९ हो गए। 8 जून आते आते न्यूजीलैंड में नए केस आना बंद हो गए। न्यूजीलैंड की सफलता बेहतर प्रबंधन में छिपी हुई है। सरकार ने यहाँ लॉक डाउन पूरी सख्ती से लागू किया, कांटेक्ट ट्रेसिंग पूरी शिद्दत से की, बहुत धीरे धीरे लॉक डाउन को खोला। इसके अलावा टेस्टिंग बड़े पैमाने पर की गयी।

तंज़ानिया के प्रेसिडेंट जॉन मगुफुली ने अपने देश को कोरोना मुक्त घोषित कर दिया है

तंज़ानिया के प्रेसिडेंट जॉन मगुफुली ने अपने देश को कोरोना मुक्त घोषित कर दिया है। आज की तारिख में तंज़ानिया में कोई मास्क नहीं पहनता, कोई बंदिश नहीं है और सब नार्मल हो चुका है। तंज़ानिया में कोरोना का पहला केस 16 मार्च को आया था। 29 अप्रैल को देश में कुल ५०९ केस थे और कुल मौतों की संख्या 21 थी। तंज़ानिया ने कोरोना की शुरुआत में हे सीमायें बंद कर दीं थीं। यहाँ जिन इलाकों में कोरोना फैला वहां व्यापक टेस्टिंग की गयी। कोरोना के लक्षण वाले सभी लोगों को अनिवार्य रूप से अलग थलग रखा गया।

corona (Photo by social media)

त्वरित कार्रवाई

जिन देशों ने कोरोना को कंट्रोल किया उनमें एक कॉमन बात ये रही है कि सबने शुरुआत में ही एक्शन लेना शुरू कर दिया था। मिसाल के तौर पर बीमारी की जानकारी मिलते ही सिंगापुर, ताइवान और हांगकांग ने अपनी सीमाओं पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। जब टेस्टिंग की अहमियत समझ में आयी तो सबसे पहले इन देशों ने टेस्टिग शुरू कर दी थी।

दक्षिण कोरिया की सफलता भी एक मिसाल है यहाँ कोरोना के मामले तेजी से बढ़े मगर देश ने टेस्ट पर जोर दिया और 2 लाख 90 हजार से अधिक लोगों का परीक्षण किया। यहाँ कानून बनाया गया और सभी के लिए फ्री टेस्टिंग का प्रावधान किया गया।

ट्रेसिंग और आइसोलेशन

सिंगापुर, न्यूजीलैंड, तैवान, कोरा अदि देशों ने उन सभी लोगों को ट्रेस किया जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में हो सकते थे। फिर इनका टेस्ट किया गया और उन्हें नतीजा आने तक अकेले में रहने का आदेश दिया गया। हांगकांग में विदेश से आने वाले लोगों को बांह में एक इलेक्ट्रिक ब्रेसलेट पहनना होता है जो उनकी मूवमेंट को ट्रैक करता है।

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कड़ा कानून

कोरिया से लेकर तंज़ानिया तक लोगों पर स्कह्ती से कानून लागू किया गया।आइसोलेशन और क्वारंटाइन का उल्लंघन करने पर सख्त फाइन लगाया गया। चीन की तरह सिंगापुर में जिन लोगों को घर पर अलग रहने के लिए कहा गया उनसे दिन में कई बार संपर्क किया जाता रहा। ख़ुफ़िया तंत्र तक को लगाया गया।

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