पाकिस्तान-चीन में मची हलचलः भारत के सामने नहीं चलेगी इन दुश्मन देशों की चाल

दक्षेस उपग्रह परियोजना पर पाकिस्तान के ठंडे रुख के चलते भारत इस देश को योजना से अलग-थलग करने की तैयारी में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी...

Update: 2020-03-14 10:37 GMT

नई दिल्ली। दक्षेस उपग्रह परियोजना पर पाकिस्तान के ठंडे रुख के चलते भारत इस देश को योजना से अलग-थलग करने की तैयारी में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी दक्षेस उपग्रह परियोजना के प्रति पाकिस्तान के ठंडे रुख के बाद भारत अब क्षेत्रीय समूह के अन्य देशों के साथ विचार-विमर्श पर आगे बढ़ रहा है।

ये भी पढ़ें-सिलेंडर ग्राहकों को बड़ा तोहफा: मोदी सरकार ने किया ये ऐलान, लोगों में खुशी की लहर

इसमें पाकिस्तान की भागीदारी नहीं है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि सभी सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव पर सकारात्मक जवाब दिया है, सिर्फ पाकिस्तान ऐसा नहीं कर सका है। पाकिस्तान का कहना है कि वह इस पर अभी आंतरिक विचार-विमर्श कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार अन्य सदस्य देशों के साथ विचार-विमर्श को आगे बढ़ाएगी।

उपग्रह को दक्षेस देशों में बेहतर संयोजन पर जोर दिया था...

 

 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन एएस किरण कुमार ने कहा कि सदस्य देशों के साथ बैठक इसी महीने होगी। श्रीहरिकोटा से पिछले साल पीएसएलवी सी-23 का अन्य विदेशी उपग्रहों के साथ सफल प्रक्षेपण के बाद मोदी ने क्षेत्र के लिए उपग्रह को दक्षेस देशों में बेहतर संयोजन पर जोर दिया था।

ये भी पढ़ें-योगी सरकार ने दंगाईयों के खिलाफ की ऐसी कार्रवाई, जीवनभर रखेंगे याद

इसे दक्षिण एशिया में चीन के जवाब के रूप में देखा जा रहा था। उसकी अंतरिक्ष एजेंसी कई अन्य देशों के उपग्रहों का प्रक्षेपण करने में जुटी है। मोदी के आह्वान के बाद इस बारे में सभी सदस्य देशों को औपचारिक प्रस्ताव भेजा गया था।

 

 

सूत्रों ने कहा कि शुरुआती प्रतिक्रिया मिलने के बाद इसरो और दक्षेस देशों के प्रतिनिधि इस महीने बैठकर इस परियोजना के छोटे-बड़े पहलुओं पर विचार करेंगे।

Tags:    

Similar News