भारत में चीन विरोधी माहौल से घबराया ड्रैगन, अब टिड्डियों के हमले से है ये उम्मीद
चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि यदि दूसरे देशों पर हुए टिड्डियों के हमले के इतिहास को देखा जाए तो पता चलता है कि...
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: भारत और चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख में हिंसक झड़प के बाद भारत में चीन विरोधी माहौल से ड्रैगन घबरा गया है। भारत में चीनी सामानों के बायकाट की मुहिम तेज होने से चीन इतना घबराया हुआ है कि वह भारत में टिड्डियों के हमले से भी उम्मीद लगाए बैठा है। भारत के कड़े तेवर से घबराया चीन अब दुआएं मांग रहा है कि भारत में टिड्डी दल इतना अधिक नुकसान कर दे कि भारत चीन के खिलाफ ट्रेड वार न छेड़ सके।
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अब भारत नहीं छेड़ सकेगा ट्रेड वार
चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि यदि दूसरे देशों पर हुए टिड्डियों के हमले के इतिहास को देखा जाए तो पता चलता है कि भारत में भी टिड्डियों का दल काफी नुकसान पहुंचाएगा और इसका देश की अर्थव्यवस्था और कृषि पर भारी असर पड़ेगा। ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि टिड्डियों के हमले से यह साफ हो गया है कि भारत चीन के खिलाफ ट्रेड वार शुरू करने में कामयाब नहीं होगा। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि भारत में टिड्डियों का हमला उम्मीद से कहीं अधिक गंभीर है और इस पर काबू पाने के लिए बहुत अधिक प्रयास करने की जरूरत होगी।
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टिड्डियों ने पहुंचाई अर्थव्यवस्था को चोट
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक टिड्डियों के हमले के अलावा कोरोना संकट ने भी अर्थव्यवस्था को गंभीर चोट पहुंचाई है। अर्थव्यवस्था को इतना गंभीर झटका लगा है कि कई एजेंसियों ने भारत की रेटिंग गिरा दी है। हालांकि ग्लोबल टाइम्स की ओर से इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि किस तरह चीन की लापरवाही की वजह से दुनिया कोरोना के गंभीर संकट में फंस गई है। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक भारत टिड्डियों का हमला जले पर नमक छिड़कने की तरह है और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को गंभीर चोट लगेगी। इससे देश में गरीबी और असमानता में और बढ़ोतरी होगी।
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अब भारत नहीं कर पाएगा कठोर कार्रवाई
चीन ने इस बात को स्वीकार किया है कि भारत में बायकाट चाइना के जरिए उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई है। चीन के सरकारी अखबार के मुताबिक भारत में ऐसी परिस्थितियां बन रही हैं कि यदि कुछ भारतीय चीनी सामान के बहिष्कार की कठोर आर्थिक कार्रवाई करने के बारे में सोच रहे हैं तो वे ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पाएंगे।
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अब देने लगा तनाव कम करने की दुहाई
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के कड़े तेवर से परेशान ड्रैगन का कहना है कि कोई भी देश अपनी सीमा पर पड़ोसी से विवाद का इच्छुक नहीं होता। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के कारण दोनों देशों के सैनिक मारे गए हैं और दोनों देशों को नुकसान उठाना पड़ा है। इसलिए अब तनाव कम करने का समय आ गया है। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद कई देशों ने चीन की घेराबंदी की है और उसे दुनिया को भारी मुसीबत में डालने का दोषी बताया है। भारत एलएसी पर चीन को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है और भारतीय सैनिकों ने चीन को सबक भी सिखाया है। ऐसे में चीन एक बार के तनाव कम करने की दुहाई देने लगा है।
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