Iran Hijab : ईरान में जलाई जा रहीं हिजाब की होलियां, देशभर में विरोध प्रदर्शन

Iran Hijab: तेहरान की जेल की कोठरी में अमिनी की मौत के बाद, ईरानी राजधानी में लगातार विरोध प्रदर्शन जारी हैं और इसका धीमा होने के बहुत कम संकेत हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-09-21 13:09 IST

ईरान में जलाई जा रहीं हिजाब (photo: social media ) 

Iran Hijab: ईरान की जेल में कुर्द महिला महसा अमिनी की मौत ने ईरानी शासन को हिला दिया है। अमिनी की मौत से लोगों, खासकर महिलाओं में जबर्दस्त आक्रोश है, लगातार पांच दिन से प्रदर्शन जारी हैं और कई कस्बों और शहरों में फैल चुके हैं।

ईरान के कट्टरपंथी शासन के खिलाफ लोगों में जबर्दस्त आक्रोश है। शरिया पुलिस या नैतिकता पुलिस की ज्यादतियों से त्रस्त लोग "तानाशाह मुर्दाबाद" के नारे लगा रहे हैं। महिलाएं सार्वजनिक रूप से स्कार्फ़ और हिजाब जला रही हैं।

अमिनी की मौत से दहका ईरान 

तेहरान जेल की कोठरी में अमिनी की मौत के बाद, ईरानी राजधानी में लगातार विरोध प्रदर्शन जारी हैं और इसका धीमा होने के बहुत कम संकेत हैं। संकेत हैं कि कट्टरपंथी शासन के खिलाफ विरोध एक व्यापक आकार ले सकता है। इसके पहले 2009 में नेदा आगा सोल्टन नामक युवती की मौत पर पूरे देश में भारी बवाल हुआ था। सोल्टन को एक स्नाइपर द्वारा गोली मार दी गई थी क्योंकि वह जून 2009 में सरकार विरोधी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई थी।

हिजाब की जलाई जा रही होली

हिजाब कानूनों को तोड़ने के आरोप में हिरासत में ली गई महसा अमिनी की मौत के बाद विरोध प्रदर्शनों में महिलाएं सबसे आगे हैं। जगह जगह हिजाब और स्कार्फ़ की होली जलाई जा रही हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे फोटो और वीडियो चल रहे हैं जिनमें महिलाओं को अपने बाल काटते दिखाया गया है।

केरमान शहर के आज़ादी स्क्वायर में लोगों के भारी हुजूम के बीच एक महिला ने अपने हिजाब को उतार फेंका और कैंची से अपने सिर के लंबे बाल काट डाले। इस दौरान भीड़ तालियां बजाती रही और "तानाशाह मुर्दाबाद" के नारे लगते रहे। वहीं, तेहरान के उत्तर में स्थित सारी में महिलाओं ने विरोध स्वरूप अपने हिजाब उतार फेंके और उसकी होली जला दी। यहां भी भीड़ ने नारे लगा कर और तालियां बजा कर महिलाओं की हौसला अफजाई की।

पुलिस की फायरिंग

कुर्द क्षेत्रों में मानवाधिकारों की निगरानी करने वाले एक संगठन ने कहा है कि कुर्दिस्तान प्रांत की राजधानी साकेज़ और सानंदाज में विरोध प्रदर्शनों में पुलिस ने फायरिंग की और आंसू गैस छोड़ी जिसमें 38 लोग घायल हो गए।

साकेज़, दीवानदारेह और देहगोलन शहरों में सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष में तीन पुरुष प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उत्तरी प्रांत गिलान में भी प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हुई है। उत्तरी शहर रश्त में एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाली एक महिला ने बताया कि पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को डंडों से पीटा गया।

क्या हैं ईरान के हिजाब कानून?

1979 की इस्लामी क्रांति के बाद, ईरान के शासन ने एक अनिवार्य ड्रेस कोड लागू किया जिसमें सभी महिलाओं को एक हेडस्कार्फ़ और ढीले-ढाले कपड़े पहनने को कहा गया ताकि उनका शरीर पूरी तरह से ढंका रहे। इन नियमों को लागू करने का काम "गश्त - ए - इरशाद" नामक नैतिकता पुलिस के जिम्मे है। अन्य बातों के अलावा, इसे ये सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है कि महिलाएं "उचित" कपड़ों को ही पहनें और उचित व्यवहार करें। अधिकारियों के पास महिलाओं को हिरासत में लेने और यह आकलन करने की शक्ति है कि क्या वे बहुत अधिक बाल दिखा रही हैं; उनके ट्राउजर और ओवरकोट बहुत छोटे या कसे हुए हैं; या वे बहुत अधिक मेकअप किये हुई हैं। नियमों के उल्लंघन की सजा में जुर्माना, जेल या कोड़े लगना शामिल हैं।

2014 में, ईरानी महिलाओं ने "माई स्टेल्थी फ्रीडम" नामक एक ऑनलाइन विरोध अभियान के हिस्से के रूप में हिजाब कानूनों का सार्वजनिक रूप से उल्लंघन करते हुए खुद की तस्वीरें और वीडियो साझा करना शुरू किया। इसके बाद से "व्हाइट वेडनसडे" और "गर्ल्स ऑफ रेवोल्यूशनरी स्ट्रीट" सहित अन्य आंदोलनों को प्रेरित किया गया है।

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