Iran Vs Israel : युद्ध के बीच तुर्की ने किया बड़ा ऐलान, इजरायल से तोड़ दिए सभी संबंध
Iran Vs Israel : ईरान और इजरायल के बीच छिड़े युद्ध के बीच तुर्की ने बड़ा ऐलान कर दिया है। दरअसल, तुर्की के राष्ट्रपति ने इजरायल से सभी संबंध तोड़ दिए हैं।
Iran Vs Israel : ईरान और इजरायल के बीच छिड़े युद्ध के बीच तुर्की ने बड़ा ऐलान कर दिया है। दरअसल, तुर्की के राष्ट्रपति ने इजरायल से सभी संबंध तोड़ दिए हैं। उन्होंने यह ऐलान सऊदी अरब और अजरबैजान की यात्रा के बाद किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने आधिकारिक तौर पर इजरायल के साथ सभी संबंधों को तोड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने यह ऐलान सऊदी अरब और अजरबैजान की यात्रा के बाद विमान में पत्रकारों से बातचीत के दौरान किया। उन्होंने कहा कि तैयप एर्दोगन के नेतृत्व में तुर्की गणराज्य की सरकार इजरायल के साथ संबंध जारी नहीं रखेगी और विकसित नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि वह इजरायल के साथ संबंध तोड़ने के अपने फैसले पर अडिग हैं और हम भविष्य में भी इस रुख को बरकरार रखेंगे। उन्होंने कहा कि हमने तुर्की गणराज्य और सरकार के रूप में वर्तमान में इजरायल के साथ सभी संबंध तोड़ दिए हैं। उन्होंने इस दौरान गाजा और लेबनान में नरसंहार की निंदा की है। उन्होंने मानवीय सहायता और तत्काल युद्ध विराम की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि इजरायल पर दबाव बनाए रखने और अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर बलपूर्वक कदम उठाने के लिए गहन प्रयास किए जा रहे हैं।
तुर्की ने पड़ोसी देशों में फिलिस्तीनियों और शरणार्थियों को सहायता प्रदान करने के प्रयास के साथ ही राजनीतिक वकालत भी करता है। एर्दोगन की इजरायल के साथ संबंध तोड़ने की घोषणा भी ऐसे समय में हुई है, जब तुर्की अन्य क्षेत्रीय शक्तियों, विशेष रूप से सऊदी अरब और अजरबैजान के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। तुर्की के इस कदम से इजरायल की आलोचना करने वाले देशों के साथ अधिक संबंध मजबूत होंगे, ये बड़ा बदलाव है। वहीं, यरुशलम ने एर्दोगन की टिप्पणियों के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
बता दें कि तुर्की के राष्ट्रपति ने खुद को इज़राइल के मुखर आलोचक के रूप में स्थापित किया है और उनका ये ऐलान दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव में वृद्धि को दर्शाती हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय निकायों से आग्रह किया है कि वे चल रहे संघर्ष से प्रभावित लोगों तक भोजन, पानी और चिकित्सा संसाधनों सहित आवश्यक आपूर्ति के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए कड़ी कार्रवाई करें।