तुर्की में भारी तबाही, भीषण भूकंप से आयी सुनामी, मचा हाहाकार
इज़मिर तुर्की का तीसरा सबसे बड़ा शहर है और यहां की आबादी 45 लाख है। इस शहर में 20 से ज्यादा मल्टीस्टोरी बिल्डिंग ध्वस्त हो गयीं हैं। कितने लोग मलबे में फंसे हुए हैं अभी इसका भी सही सही पता नहीं चल पाया है।
अंकारा: एजियन सागर में आए शक्तिशाली भूकंप ने तुर्की और यूनान में तबाही मचा दी है. रिक्टर स्केल पर 7 तीव्रता वाले इस भूकंप का केंद्र एजियन सागर में 16.5 किलोमीटर नीचे था। पश्चिमी तुर्की के इजमिर प्रान्त में भूकंप से भारी तबाही हुई है। जिस तरह की तस्वीरें आ रहीं हैं उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ है। भूकंप से बड़ी बड़ी इमारतें भरभरा कर ढह गयी हैं, भूकंप के बाद समुद्र के किनारे सूख गए, पानी गायब हो गया, सुनामी और बाढ़ भी आई है।
इज़मिर तुर्की का तीसरा सबसे बड़ा शहर है और यहां की आबादी 45 लाख है। इस शहर में 20 से ज्यादा मल्टीस्टोरी बिल्डिंग ध्वस्त हो गयीं हैं। कितने लोग मलबे में फंसे हुए हैं अभी इसका भी सही सही पता नहीं चल पाया है।
तुर्की के सिगासिक कस्बे के एक पत्रकार ने बताया कि भूकंप से ज्यादा नुकसान पानी के वेग से हुआ है। एक गेस्ट हाउस में इतना पानी भर गया कि वहां मछलियां तैरने लगीं। इस कस्बे की दुकानें बाढ़ के पानी में डूब गयीं हैं। भूकंप से ऐसा सैलाब आया कि सड़कों पर फ्रिज, फर्नीचर, कारें बहने लगीं।
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भूकंप के झटके पूर्वी यूनान के प्रायद्वीपों में भी महसूस किये गए। इसके अलावा राजधानी एथेंस में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। ग्रीस के समोस द्वीप में जान माल का नुक्सान हुआ है। यहां कई इमारतें ध्वस्त हो गयीं हैं। समोस द्वीप में अनेक प्राचीन इमारतों को भरी नुकसान पहुंचा है।
ग्रीस और फ़्रांस ने मदद का हाथ बढ़ाया
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप एर्दोगान अपनी ऐंठ में ग्रीस और फ़्रांस के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं लेकिन इन दोनों देशों ने दरियादिली और मानवीयता दिखाते हुए इस संकट की घड़ी में तुर्की को मदद देने की पेशकश की है।
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ग्रीस के प्रधानमंत्री काईरियाकोस मित्सोताकिस ने ट्विटर पर एक पोस्ट में बताया कि उन्होंने तुर्की के प्रेसिडेंट एर्दोगान से बात की है और जानमाल के नुक्सान पर शोक प्रकट किया है। साथ ही सहायता देने की पेशकश की है। फ़्रांस के आन्तरिक मंत्री गेराल्ड दर्मनिन ने ट्विटर पर कहा कि उनके देश ने तुर्की और ग्रीस को सहायता देने की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि फ़्रांस संकट की इस घड़ी में तुर्की और ग्रीक लोगों के साथ खड़ा है। अगर इन देशों की सरकारें चाहें तो फ़्रांस से तत्काल मदद भेजी जा सकती है। एर्दोगान ने इन संदेशों पर कोई बयां नहीं दिया है।
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भूकंप का क्षेत्र
तुर्की विश्व में भूकंप के सबसे ज्यादा जोखिम वाले देशों में शामिल है। अगस्त 1999 में यहाँ आये एक विनाशकारी भूकंप से 17 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। 7.6 स्केल का ये भूकंप इस्तांबुल के पश्चिम में स्थित इज्मित शहर में आया था। 2011 में पूर्वी क्षेत्र में स्थित वान शहर में आये भूकंप से 500 से ज्यादा लोग मारे गए थे। तुर्की में हलके भूकंप आना आम बात है। लेकिन हैरत की बात है कि भूकंप रोधी इमारतें आदि यहां बहुत कम हैं।
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