मुसलमानों के लिए टेंशन है टाइट, यहां किराए पर भी नहीं मिलता मकान
लेबनान में एक ऐसा शहर है जहां मुसलमान न किराये पर घर ले सकते हैं और न खरीद सकते हैं। हदात शहर में अधिकारियों ने कुछ साल पहले आदेश जारी किया था कि केवल ईसाइयों को ही किराये पर लेने या घर खरीदने की अनुमति होगी।
लेबनान: लेबनान में एक ऐसा शहर है जहां मुसलमान न किराये पर घर ले सकते हैं और न खरीद सकते हैं। हदात शहर में अधिकारियों ने कुछ साल पहले आदेश जारी किया था कि केवल ईसाइयों को ही किराये पर लेने या घर खरीदने की अनुमति होगी।
मोहम्मद अव्वाद और उनकी मंगेतर ने किराये पर मकान लेने के लिए ऑनलाइन माध्यम से संपर्क किया। पेशे से पत्रकार अव्वाद ने मकान मालिक को फोन कर कहा कि वह घर देखना चाहते हैं, लेकिन जवाब सुनकर वह स्तब्ध रह गए। उन्हें बताया गया कि मुसलमानों को इस शहर में रहने की इजाजत नहीं है।
शिया मुसलमान जोड़े को यह सुनकर विश्वास नहीं हुआ और उन्होंने नगरपालिका को फोन कर पूछा तो वहां से भी जवाब मिला कि पिछले कई वर्षों से पाबंदी लगी है। लेबनान में धर्म के आधार पर विभाजन कितना गहरा है हदात इसका स्पष्ट उदाहरण है। डेढ़ दशक तक चले गृह युद्ध में एक लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे।