पाकिस्तान में तोड़ी गई बुद्ध की दुर्लभ प्रतिमा, मौलवी के आदेश पर कर डाले टुकड़े

पाकिस्तान में गौतम बुद्ध की दुर्लभ प्रतिमा को तोड़ने का मामला सामने आया है। यह दुर्लभ प्रतिमा खेत में खुदाई करने के दौरान मिली थी मगर एक स्थानीय मौलवी के कहने पर लोगों ने इस प्रतिमा को टुकड़े-टुकड़े कर डाला।

Update:2020-07-19 08:44 IST

अंशुमान तिवारी

पेशावर। पाकिस्तान ने समय-समय पर धार्मिक असहिष्णुता के मामले सामने आते रहे हैं। भारत इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाकर पाकिस्तान की पोल खोलता रहा है। अब पाकिस्तान में गौतम बुद्ध की दुर्लभ प्रतिमा को तोड़ने का मामला सामने आया है। यह दुर्लभ प्रतिमा खेत में खुदाई करने के दौरान मिली थी मगर एक स्थानीय मौलवी के कहने पर लोगों ने इस प्रतिमा को टुकड़े-टुकड़े कर डाला।

मौलवी ने प्रतिमा को बताया गैर इस्लामी

यह घटना पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुई है। घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मरदन जिले की तख्तबाई तहसील में एक खेत में पाइपलाइन के लिए खुदाई की जा रही थी। इसी दौरान मजदूरों को गौतम बुद्ध की दुर्लभ प्रतिमा मिली। इस बाबत जानकारी मिलने पर स्थानीय मौलवी भी मौके पर पहुंच गया और प्रतिमा को गैर इस्लामी करार दिया। मौलवी के आदेश पर लोगों ने प्रतिमा को टुकड़े-टुकड़े कर डाला।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

बाद में इस प्रतिमा को तोड़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो में कुछ लोग हथौड़े से मूर्ति को तोड़ते हुए दिख रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें ठेकेदार कमर जामन और अन्य लोग शामिल हैं। इन लोगों के पास से प्रतिमा के टूटे हुए टुकड़े भी बरामद किए गए हैं। पुरातत्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद इस बाबत कार्रवाई करने के लिए पुलिस को सूचना दी गई थी।

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बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए पवित्र इलाका

जानकारों का कहना है कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत का तख्तबाई इलाका श्रीलंका, कोरिया और जापान के लोगों के लिए पर्यटन स्थल है। इसका कारण यह है कि यह क्षेत्र गांधार सभ्यता के शुरुआती शहरी बसावटों में से एक माना जाता है। इस इलाके को बौद्ध धर्म के अनुयायी पवित्र मानते हैं। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पुरातत्व विभाग के निदेशक अब्दुल समद ने बौद्ध प्रतिमा तोड़े जाने की घटना पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि बुद्ध की प्रतिमा तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।



पहले भी मिल चुकी हैं बुद्ध प्रतिमाएं

जानकारों के मुताबिक खैबर पख्तूनख्वा का पुराना नाम गांधार है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों में इस क्षेत्र के प्रति अपार श्रद्धा है। यहां पर पहले भी बौद्ध प्रतिमाएं मिलती रही हैं। 2017 में भमाला में बुद्ध की दो प्राचीन व दुर्लभ प्रतिमाएं मिली थीं। इस स्थल पर निकली एक प्रतिमा गौतम बुद्ध की मृत्यु को दर्शाती है जबकि दूसरी प्रतिमा उनके प्रभामंडल को दर्शाने वाली थी। मृत्यु को दर्शाने वाली प्रतिमा अनोखी है और अपनी तरह की दुनिया की सबसे प्राचीन प्रतिमाओं में एक है। अमेरिकी प्रयोगशाला ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि यह तीन शताब्दी ईसा पूर्व से भी पुरानी हो सकती है।

पाक में बढ़ी धार्मिक असहिष्णुता

पाकिस्तान में धार्मिक असहिष्णुता के मामले काफी बढ़ते जा रहे हैं। हिंदुओं और ईसाइयों के साथ यहां प्रायः उत्पीड़न और जोर जबर्दस्ती की घटनाएं होती रही हैं। भारत समय-समय पर दुनिया के अन्य देशों को पाकिस्तान की धार्मिक असहिष्णुता की जानकारी देता रहा है मगर पाकिस्तान में ऐसी घटनाओं पर रोक नहीं लगाई जा रही है। इससे पहले अफगानिस्तान में भी तालिबान द्वारा भगवान बुद्ध की दुर्लभ प्रतिमाओं को तोड़ा जा चुका है।

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