साइबर अटैक से हिल उठा ये देश, सिस्टम के अंदर मिले कई खतरनाक सॉफ्टवेयर्स

अमेरिका के एनर्जी विभाग का कहना है कि उसके पास एविडेंस है कि हैकर्स ने कैसे और किस कैंपेन के जरिए उसके नेटर्वक को एक्सेस करने का काम किया है।

Update: 2020-12-18 05:34 GMT
रेडमंड नाम की वॉशिंगटन की एक कंपनी Orion सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करती है। नेटवर्किंग मैनेजमेंट के लिए इस सॉफ्टवेयर से काम किया जाता है।

वाशिंगटन: कुछ दिन पहले अमेरिकी अधिकारियों द्वारा बड़े हैंकिंग कैंपेन के खुलासे के बाद अब माइक्रोसॉफ्ट ने भी इससे जुड़ी एक अहम जानकारी दी है।

टेक्नोलॉजी की दुनिया की इस दिग्गज कंपनी का दावा है कि उसके सिस्टम में भी इस हैंकिंग से जुड़े खतरनाक सॉफ्टवेयर्स पाए गए हैं।

रेडमंड नाम की वॉशिंगटन की एक कंपनी Orion सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करती है। नेटवर्किंग मैनेजमेंट के लिए इस सॉफ्टवेयर से काम किया जाता है।

साइबर अटैक से हिल उठा ये देश, सिस्टम के अंदर मिले कई खतरनाक सॉफ्टवेयर्स (फोटो: सोशल मीडिया)

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SolarWinds Corp ने तैयार किया सोफ्टवेयर

इस सॉफ्टवेयर को तैयार करने वाली कंपनी का नाम SolarWinds Corp है। अमेरिका एजेंसियों समेत कईयों पर रूस द्वारा संभावित साइबर अटैक में इस कंपनी का भी इस्तेमाल किए जाने की आशंका है।

माइक्रोसॉफ्ट ने कहा, 'SolarWinds के अन्य ग्राहकों की तरह ही हम भी ऐसे इंडिकेटर्स पर नजर बनाये हुए हैं और हमने अपने सिस्टम में SolarWinds बाइनरीज की मौजूदगी दर्ज की है।

हमने इसे अपने सिस्टम से हटा दिया है।' हालांकि, कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि उसके सिस्टम की मदद से किसी भी साइबर अटैक को अंजाम नहीं दिया गया है।

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साइबर अटैक से हिल उठा ये देश, सिस्टम के अंदर मिले कई खतरनाक सॉफ्टवेयर्स (फोटो: सोशल मीडिया)

एजेंसियां अभी भी कर रही हैं जांच

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया है कि इस अटैक में माइकक्रोसॉफ्ट का सहारा नहीं लिया गया है। वर्तमान में माइक्रोसॉफ्ट और होमलैंड सिक्योरिटी विभाग इस मामले की जांच में जुटे हैं।

वहीं अमेरिका के एनर्जी विभाग का कहना है कि उसके पास एविडेंस है कि हैकर्स ने कैसे और किस कैंपेन के जरिए उसके नेटर्वक को एक्सेस करने का काम किया है।

जाचंकर्ताओं को सीआईएसए ने बताया कि अगर किसी ने SolarWinds सॉफ्टवेयर का नया वर्ज़न उपयोग किया है तो इसका अर्थ ये नहीं कि वो सेफ हैं। जांचकर्ताओ ने इस बात को भी मानने से इनकार कर दिया है कि हैकर्स ने उन सभी नेटवर्क का डैमेज किया है, जहां तक उनकी पहुंच है।

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