लाखों लोग सड़क पर: पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले, बोले ‘हमारे दौर की क्रांति’
चीन के कारनामों की वजह से हांगकांग में विरोध प्रदर्शन दिन-प्रति-दिन जोर पकड़ते जा रहे हैं। हांगकांग में ये प्रदर्शन चीन के विवादित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर किए जा रहे हैं।
नई दिल्ली। चीन के कारनामों की वजह से हांगकांग में विरोध प्रदर्शन दिन-प्रति-दिन जोर पकड़ते जा रहे हैं। हांगकांग में ये प्रदर्शन चीन के विवादित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर किए जा रहे हैं। हालांकि चीन इनको दबाने की पूरी कोशिश कर रहा है। ऐसे में रविवार को भी चीन के इस विवादित कानून के खिलाफ हांगकांग में सैकड़ों लोग सड़कों पर आए। जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।
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नागरिक स्वतंत्रता खतरे में पड़ने की आशंका
चीन के इस राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के पीछे हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों द्वारा बढ़-चढ़ कर खिलाफत प्रदर्शन हो रहा है। चीन के इस कानून से यहां की स्वायत्तता और नागरिक स्वतंत्रता खतरे में पड़ने की आशंका है।
इसी सिलसिले को लेकर रविवार दोपहर को काले कपड़े पहने हुए प्रदर्शनकारी मशहूर शॉपिंग डिस्ट्रिक्ट कॉजवे बे में एकत्रित हुए और प्रस्तावित कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। लेकिन बढ़ती भीड़ के आगे बढ़ने से पहले ही वहां पर मौजूद स्थानीय पुलिस ने इसे अवैध करार देते हुए प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागने शुरू कर दिए।
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‘हमारे दौर की क्रांति’
ऐसे में इस प्रदर्शन के दौरान वहां के प्रतिष्ठित कार्यकर्ता टैम टैक-ची को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वहीं आलोचकों ने चीन के इस विवादित कानून को ‘एक देश, दो व्यवस्थाओं’ की रूपरेखा के खिलाफ बताते हुए 'हांगकांग के साथ एकजुट’, ‘हांगकांग को आजाद करो’ और ‘हमारे दौर की क्रांति’ जैसे नारे लगाए।
बता दें कि चीन की राष्ट्रीय संसद में बीते शुक्रवार को शुरू हुए सत्र के पहले दिन सौंपे गए इस प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य अलगाववादियों और विध्वंसक गतिविधियों को रोकने के साथ ही विदेशी हस्तक्षेप और आतंकवाद पर रोक लगाना बताया गया।
इसी कड़ी में रविवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने एक बार फिर से जले पर नमक छिड़कते हुए कहा 'हांगकांग सुरक्षा कानून' को बिना किसी देरी के लागू किया जाना चाहिए।
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