250 ग्राम का परमाणु बम! पाकिस्तान का ये दावा, सच्चा या झूठा
दुनिया जानती है कि सबसे अधिक परमाणु हथियारों का जखीरा अमेरिका के पास है। अमेरिका के पास एक परमाणु बम है जिसका वज़न 50 पाउंड यानी करीब 23 किलोग्राम है।
नई दिल्ली: "घर में दाना नहीं, अम्मा चली भुजौने" यह कहावत पूरी तरह से पाकिस्तान की हरकतों पर चरितार्थ होती है। कश्मीर की चाहत में दुश्मन देश किस तरह दिवालिया हो गया है, यह हर कोई देख सकता है।
पाकिस्तान के एक मंत्री ने दावा किया है कि पाकिस्तान के पास 250 ग्राम तक के परमाणु बम हैं, पाकिस्तान के इस मंत्री का दावा कितना सच है या झूठ...क्या 250 ग्राम का परमाणु बम बनाया जा सकता है, कितने घातक सिद्ध हो सकते हैं।
सवाल ये है कि अगर ये दावा सच है तो पाकिस्तान में इस तरह के बमों का निर्माण कैसे और कितना हो रहा है।
सवाल ये भी है कि पाकिस्तान का दावा कितना सच है, हालांकि पाकिस्तान ने इस बयान का कोई पुख्ता समर्थन नहीं किया है।
रेल मंत्री शेख रशीद अहमद ने किया दावा...
पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद अहमद ने दावा करते हुए कहा है कि पाकिस्तान के पास 125 से 250 ग्राम तक के छोटे परमाणु बम हैं। जो भारत में एक खास निशाने पर हमला करने में सक्षम हैं।
जानिए सच, सबसे छोटा परमाणु बम...
दुनिया जानती है कि सबसे अधिक परमाणु हथियारों का जखीरा अमेरिका के पास है। अमेरिका के पास एक परमाणु बम है जिसका वज़न 50 पाउंड यानी करीब 23 किलोग्राम है।
बता दें कि इस बम का नाम डब्ल्यू 54 है, और इसके चार वैरिएंट्स हैं जिनमें से बाकी तीन एमके 54, बी54 और डब्ल्यू 72 हैं। इन चारों का वज़न वेब आर्काइव के हवाले से 23 किलोग्राम के आसपास या उससे कुछ ज़्यादा बताकर दावा किया जाता है कि 10.75 गुणा 15.7 इंच के ये अब तक के सबसे छोटे परमाणु बम हैं।
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खास बात यह है कि परमाणु शक्ति संपन्नता के मामले में भारत की तुलना में पाकिस्तान के पास कुछ ज़्यादा परमाणु हथियार हैं। जिसको लेकर दुश्मन देश भारत को हमेशा गीदड़ भभकी देता आया है।
जापान पर गिरे परमाणु बम...
इतिहास गवाह रहा है कि 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा पर जो पहला परमाणु बम गिराया था, उसका नाम था 'लिटिल बॉय'. 28 इंच के व्यास वाले 120 इंच लंबे इस बम का वज़न करीब 4400 किलोग्राम था। इसके दो दिन बाद 9 अगस्त को नागासाकी पर जो बम गिराया गया था, वह था 'फैट मैन'. 60 इंच के व्यास वाले 128 इंच लंबे इस बम का वज़न 4700 किलोग्राम था।
कितना छोटा हो सकता है परमाणु बम?
अब सवाल है कि परमाणु बम कितना छोटा हो सकता है, इसको समझने के लिए परमाणु बम की तकनीक को समझना होगा पड़ेगा,
बता दें कि परमाणु बम में दो क्रियाएं अहम होती हैं, एक संलयन यानी फ्यूज़न और दूसरी विकिरण या विखंडन यानी फिज़न।
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इन दोनों क्रियाओं में एक चेन रिएक्शन विकसित होने से घातक विस्फोट संभव होता है। अब इस चेन रिएक्शन को डेवलप करने के लिए कम से कम कितनी सामग्री लगती है?
15 किलोग्राम यूरेनियम की जरुरत...
एटॉमिक आर्काइव पोर्टल के मुताबिक न्यूट्रॉन रिफ्लेक्टर की मदद से करीब 5 किलोग्राम प्लूटोनियम 239 या करीब 15 किलोग्राम यूरेनियम 235 की ज़रूरत होती है, जिसे क्रिटिकल मास यानी ज़रूरी पदार्थ भी कहा जाता है। इससे कम क्रिटिकल मास होने पर विस्फोट संभव हो सकता है, लेकिन वह घातक नहीं होगा।
यूएस नेवी के रिटायर्ड चैपलेन ने लिखा...
यूएस नेवी के रिटायर्ड चैपलेन ब्रूस बायर्स ने लिखा है कि क्रिटिकल मास के साथ ही पैकेजिंग का वज़न जुड़ता है यानी कुल देखा जाए तो 10-15 किलो से हल्का परमाणु बम नहीं हो सकता। वहीं मिडिल साइज़ बिज़नेस के प्रमुख पीटर हॉल्टहॉस ने लिखा है कि किसी तरह 150 से 250 ग्राम का परमाणु बम बना भी लिया गया तो यह बेकार ही साबित होगा और इसे विस्फोट के नज़रिए से वर्किंग परमाणु बम नहीं माना जाएगा।
बहरहाल, आपको बता देतें है कि पाकिस्तान के मंत्री शेख रशीद अहमद ने भारत के खिलाफ बयान देते हुए कहा कि हमारे पास 250 ग्राम के परमाणु बम है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान के बीच इस साल अक्टूबर में युद्ध हो सकता है।
सबसे बड़ा परमाणु बम...
अब सवाल है कि सबसे छोटा परमाणु बम किसके पास है, जानकारी के अनुसार रूस के आरडीएस220 को दुनिया का सबसे बड़ा और शक्तिशाली परमाणु बम माना जाता है। उदाहरण के तौर कहा जाये कि हिरोशिमा पर जो परमाणु बम गिराया गया था, वैसे 3800 बमों के बराबर ये अकेला है। इस बम को 'त्ज़ार बॉम्बा' के नाम से भी जाना जाता है।
पाकिस्तान ने ऐसा दावा...
गौरतलब है कि करीब चार साल पहले मीडिया में यह खबर प्रकाशित हुई थी कि पाकिस्तानी सेना 'छोटे परमाणु हथियार' पर कार्य कर रही है।
बहरहाल, इस न्यूज के बाद पाकिस्तान की तरफ से इस तरह के दावे काफी हद तक रुक गए थे। अब पाकिस्तानी मंत्री रशीद ने अपने बयान से ऐसे दावे को एक बार फिर हवा दे दी है।