Muhammad Yunus: सत्ता संभालते ही मोहम्मद यूनुस की बदली किस्मत, बांग्लादेश की अदालतों से मिलने लगी राहत

Muhammad Yunus: शपथ लेने के तीन दिन बाद ही विशेष न्यायालय ने मोहम्मद यूनुस को रिश्वतखोरी के एक मामले में बरी कर दिया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-08-12 03:23 GMT

Muhammad Yunus  (photo: social media)

Muhammad Yunus: बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुखिया बनाया गया है। शेख हसीना की सरकार के समय मोहम्मद यूनुस के खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज किए गए थे मगर अंतरिम प्रधानमंत्री बनते ही उन्हें विभिन्न मामलों में राहत मिलने लगी है।

शपथ लेने के तीन दिन बाद ही विशेष न्यायालय ने मोहम्मद यूनुस को रिश्वतखोरी के एक मामले में बरी कर दिया है। इससे पहले 7 अगस्त को भी यूनुस को एक मामले में राहत मिल चुकी है। इसे बांग्लादेश में बदले हुए माहौल का असर माना जा रहा है।

भ्रष्टाचार के मामले में हुए बरी

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस को भ्रष्टाचार विरोधी आयोग की ओर से दर्ज किए गए एक मामले में बरी कर दिया गया है। ढाका के विशेष न्यायालय के न्यायाधीश मोहम्मद रबीउल आलम ने भ्रष्टाचार विरोधी आयोग के उस आवेदन को स्वीकार कर लिया है जिसमें धारा 494 के अंतर्गत मामले को वापस लेने का अनुरोध किया गया था। इस आवेदन को स्वीकार किए जाने के बाद मोहम्मद यूनुस मामले में स्वत: बरी हो गए हैं।


छह महीने के कारावास की सजा रद्द

वैसे यह पहला मामला नहीं है जिसमें मोहम्मद यूनुस को राहत मिली है। इससे पहले बुधवार को भी मोहम्मद यूनुस को बड़ी राहत मिली थी और श्रम कानून का उल्लंघन करने के मामले में उन्हें मिली छह महीने के कारावास की सजा रद्द कर दी गई थी। यूनुस के अलावा ग्रामीण टेलीकॉम के तीन अन्य शीर्ष अधिकारियों को भी इस मामले में राहत मिली थी।

84 वर्षीय मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुखिया के तौर पर शपथ ली है। भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपी नूरजहां बेगम को भी यूनुस सरकार में शामिल होने का मौका मिला है। बांग्लादेश के जानकारों का कहना है कि जल्द ही मोहम्मद यूनुस को कई अन्य मामलों में भी बरी किया जा सकता है।


शेख हसीना के शासनकाल में दर्ज हुए थे मामले

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार से मोहम्मद यूनुस का छत्तीस का रिश्ता रहा है। शेख हसीना के शासनकाल के दौरान मोहम्मद यूनुस के खिलाफ तमाम मामले दर्ज किए गए थे। यूनुस ने 2007 में एक राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की थी। उस समय देश में सेना समर्थित सरकार काम कर रही थी और शेख हसीना जेल में थीं।

मोहम्मद यूनुस की इस घोषणा से शेख हसीना नाराज हो गई थीं। बाद में जब वे सत्ता में आईं तो मोहम्मद यूनुस के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे। शेख हसीना की सत्ता से विदाई के बाद अब इन मामलों की वापसी का दौर शुरू हो गया है।


भारत के साथ पूर्व की तरह बने रहेंगे रिश्ते

इस बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अपनी विदेश नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि वह दूसरे देशों के साथ सकारात्मक और संतुलित संबंध बनाने पर जोर देगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारत और चीन के साथ बांग्लादेश के रिश्ते पूर्व की भांति ही बने रहेंगे। उधर,अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने हिंदुओं पर किए जा रहे हमलों को तुरंत रोकने की अपील की है।

यूनुस ने आंदोलन कर रहे छात्रों से अल्पसंख्यक हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों को बचाने की अपील करते हुए कहा कि 'क्या ये हमारे देश के लोग नहीं हैं? आपने देश बचाया तो क्या आप कुछ परिवारों को नहीं बचा सकते?...आपको कहना चाहिए कि किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। वे भी हमारे भाई हैं। हम साथ लड़े और हम साथ ही रहेंगे। उन्होंने बेगम रोकेया विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि इन हमलों को तुरंत रोका जाना चाहिए।

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