फेसबुक आया फिर घेरे में, फोन कैमरे से डेटा चुराने की कोशिश

घृणा फैलाने वाले बयानों पर कार्रवाई न करने और यूजर्स का डाटा लीक करने के आरोपों के बाद अब फेसबुक को लेकर एक नया विवाद पैदा हो गया है।

Update: 2020-09-19 06:34 GMT
फेसबुक आया फिर घेरे में, फोन कैमरे से डेटा चुराने की कोशिश (social media)

नई दिल्ली: घृणा फैलाने वाले बयानों पर कार्रवाई न करने और यूजर्स का डाटा लीक करने के आरोपों के बाद अब फेसबुक को लेकर एक नया विवाद पैदा हो गया है। दरअसल फेसबुक पर फोन कैमरे के जरिए इंस्टाग्राम का उपयोग करने वाले लोगों का डेटा चुराने का बड़ा आरोप लगा है। इन आरोपों में काफी दम बताया जा रहा है क्योंकि इंस्टाग्राम भी फेसबुक की ही कंपनी है और इन ताजा आरोपों पर फेसबुक की ओर से अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।

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अमेरिका में दायर हुआ मुकदमा

अमेरिका में न्यूजर्सी के सैन फ्रांसिस्को में फेडरल कोर्ट में इस बाबत मुकदमा दायर किया गया है। इंस्टाग्राम यूजर ब्रिटैनी कोडिटी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी शिकायत में फेसबुक पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इंस्टाग्राम यूजर्स के डेटा में बिना इजाजत सेंध लगाई जा रही है।

कोडिटी ने अपनी शिकायत में कहा है कि कैमरे के जरिए जानबूझकर उनके डेटा में सेंध लगाई गई। इंस्टाग्राम यूजर की ओर से लगाए गए इस बड़े आरोप के संबंध में अभी फेसबुक ने चुप्पी साध रखी है और उसकी ओर से कोई सफाई नहीं पेश की गई है।

facebook (social media)

इस तकनीक के भी दुरुपयोग का आरोप

इसके पहले पिछले महीने भी फेसबुक के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया गया था। इसमें आरोप लगाया गया है कि फैसियल रिकगनिशन तकनीक के जरिए अवैध तरीके से 10 करोड़ से ज्यादा इंस्टाग्राम यूजर्स का बायोमैट्रिक डेटा चुराया गया है। हालांकि इस मुकदमे के दायर होने के बाद फेसबुक की ओर से कहा गया था कि ऐसी कोई भी घटना नहीं हुई है।

व्हाट्सएप को लेकर भी हुआ था विवाद

फेसबुक का विवादों के साथ गहरा नाता रहा है और फेसबुक के ही एप व्हाट्सएप भी पिछले साल नवंबर में विवादों में घिर गया था। व्हाट्सएप पर इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए सरकारों और अन्य संगठनों द्वारा पूरी की पूरी चैटिंग पढ़ने के मामले का खुलासा हुआ था। इस मामले की जांच पड़ताल अभी भी चल रही है।

हेट स्पीच पर नहीं की गई कार्रवाई

भारत में भी फेसबुक को लेकर विवाद पैदा हो चुका है। इसी साल अगस्त में फेसबुक द्वारा घृणित अपराध और हिंसा फैलाने वाली पोस्ट पर राजनीतिक दबाव में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था।

facebook (social media)

कांग्रेस ने इस मामले को लेकर फेसबुक को खूब खरी-खोटी सुनाई थी और पार्टी का यह भी कहना था कि भाजपा से जुड़े भड़काऊ पोस्ट फेसबुक की ओर से नहीं हटाए जाते हैं। बाद में संसदीय समिति के तलब करने पर फेसबुक के अधिकारियों की पेशी भी हुई थी। इस पर फेसबुक की ओर से सफाई दी गई थी कि पिछले कुछ महीनों में सवा करोड़ से ज्यादा पोस्ट हटाई गई है।

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राष्ट्रपति चुनाव के दौरान फेसबुक सतर्क

अमेरिका में इन दिनों राष्ट्रपति चुनाव के लिए जोर-शोर से प्रचार चल रहा है और इस बार के चुनाव में फेसबुक ने काफी सतर्क रवैया अपनाया है। फेसबुक ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कुछ टिप्पणियों को भी हटाने की कार्रवाई की है। फेसबुक की ओर से कहा गया था कि राष्ट्रपति ट्रंप की ये टिप्पणियां समाज में नफरत फैलाने वाली हैं और हम मौजूदा समय में नफरत फैलाने वाली पोस्टों को स्वीकार नहीं कर सकते।

जानकारों का कहना है कि पूर्व के राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद इस बार फेसबुक की ओर से काफी सतर्क रवैया अपनाया जा रहा है। यही कारण है कि फेसबुक की ओर से पोस्ट की स्क्रीनिंग की जा रही है और ऐसी पोस्ट को हटाया जा रहा है जिन्हें लेकर कोई भी विवाद पैदा हो सकता है।

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