चीन-पकिस्तान की यारी: भारत के खिलाफ इनका सैन्य गठजोड़ बढ़ा
हाल में खुलासा हुआ है कि चीनी युद्धपोतों की रक्षा के लिए पाकिस्तान ने अपनी अगोस्टा-19 बी टाइप की डीजल इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बी को तैनात किया था।
नई दिल्ली: चीन और पाकिस्तान मिल कर भारत को घेरने की प्लानिंग में जुटे हुए हैं। चीन और पाकिस्तान के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के लिए हथियारों की नई डील की जानी है। इसके अलावा चीन से पाकिस्तान को ड्रोन, जैविक हथियार और नौसैनिक हथियार देने की कवायद चल रही है।
नौसैनिक गश्त
चीन और पाकिस्तान साथ मिलकर ग्वादर से अफ्रीका में स्थित जिबूती तक नौसैनिक गश्त को बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। इनके गश्ती रास्ते में होर्मुज जल संधि का क्षेत्र भी आएगा। पूरी दुनिया में निर्यात होने वाले कुल कच्चे तेल का 40 से 46 फीसदी हिस्सा होर्मुज जल संधि क्षेत्र से ही जाता है। ऐसे में चीन और पाकिस्तान युद्ध जैसी स्थिति में भारत समेत दुनिया की तेल सप्लाई लाइन को काट सकते हैं। चीन अरबों डॉलर के हथियार की मदद से पूरी पाकिस्तानी नौसेना का रंग रूप ही बदलने जा रहा है। अप्रैल में ही चीन और पाकिस्तान ने अरब सागर में एक नौसैनिक अभ्यास आयोजित किया था।
ये भी पढ़ें- बिहार चुनावः लालटेन लेकर घर से सफाई की राजद ने की शुरुआत
हाल में खुलासा हुआ है कि चीनी युद्धपोतों की रक्षा के लिए पाकिस्तान ने अपनी अगोस्टा-19 बी टाइप की डीजल इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बी को तैनात किया था। फ्रांसीसी मूल की यह पनडुब्बी परमाणु मिसाइल बाबर-3 को लॉन्च करने में सक्षम है। पाकिस्तानी नौसेना अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए चीनी डिजाइन पर आधारित टाइप 039 बी युआन क्लास की पनडुब्बी खरीद रही है। डीजल इलेक्ट्रिक चीन की यह पनडुब्बी पाकिस्तान की नौसैनिक ताकत में इजाफा करने में सक्षम है। जिसमें एंटी शिप क्रूज मिसाइल लगी होती हैं। इसके अलावा चीन पाकिस्तान को टाइप 054 श्रेणी के बहुउद्देश्यीय स्टील्थ फ्रीगेट्स दे रहा है जो रेडार को चकमा देने में सक्षम हैं।
जैविक हथियारों पर रिसर्च
चीन ने पाकिस्तान की सेना के साथ जैविक हथियारों को लेकर गोपनीय समझौता किया है। पाकिस्तान का यह समझौता वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से हुआ है। खुफिया एजेंसियों के हवाले से बताया गया कि जैविक युद्ध क्षमता विस्तार में घातक संक्रामक एजेंट एंथ्रेक्स सहित कई रिसर्च प्रोजेक्ट को शामिल किया गया है। एंथनी क्लान की रिपोर्ट के मुताबिक, वुहान की लैब ने पाकिस्तान सेना की डिफेंस साइसेंज एंड टेक्नॉलजी ऑर्गनाइजेशन (डीईएसटीओ) के साथ गोपनीय समझौता किया है।
ये भी पढ़ें- कांप उठा बॉलीवुड: लगातार मौतों का सिलसिला जारी, दिग्गजों का काल बना 2020
कहने को दोनों देशों ने संक्रामक रोगों और संक्रामक बीमारियों के बायोलॉजिकल कंट्रोल पर शोध के लिए समझौता किया है। लेकिन बताया जाता है कि चीन कोरोना वायरस के मुद्दे पर वैश्विक रूप से घिरने से सबक लेते हुए अपनी सीमा से बाहर जैविक हथियारों पर टेस्टिंग करना चाहता है।
पाकिस्तान को आधुनिक ड्रोन
ख़ुफ़िया सूत्रों के मुताबिक चीन जल्द ही पाकिस्तान को हथियारों से लैस आधुनिक ड्रोन देने जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक हाल ही में पाकिस्तान के दस सदस्यों के एक दल ने एक सैन्य अधिकारी की अगुआई में फैक्ट्री एक्सेप्टेंस टेस्ट के लिए चीन का दौरा किया है। इस दौरे में चीन-पाकिस्तान के सैन्य गठजोड़ को और मजबूत करने पर बातचीत की गयी है।
ये भी पढ़ें- गडकरी ने यहां पर 3000 करोड़ रुपये की लागत से 13 प्रोजेक्ट्स की रखी नींव
इस दौरे में चीन ने पाकिस्तान को आर्मड ड्रोन देने का भी वादा किया है। ये ड्रोन टोही भी हैं और काफी वक़्त तक शिकार पर निगाह रखकर उस पर हमला करने में सक्षम हैं। ये ड्रोन 770 पाउंड तक वजन के हथियार ले जाने में सक्षम हैं। इसके अलावा चीन पाकिस्तान को रडार दे रहा है और एडवांसड लॉन्ग रेंज एयर एंड मिसाइल डिफ़ेंस सिस्टम देने की भी तैयारी में है।