अमेरिका ने दिखाई चीन को उसकी औकात, इस मामले में दिया तिब्बत का साथ
दलाई लामा के उत्तराधिकारी की घोषणा तिब्बत करेगा, ये बात अब तय हो गई है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने तिब्बत के समर्थन में नीति को मजबूती दिया है। तिब्बती नीति और समर्थन अधिनियम (टीपीएस) को सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। इसमें कहा गया है कि तिब्बत के धार्मिक नेता के चुनाव का अधिकार चीन सरकार की जगह तिब्बती लोगों का है।
नई दिल्ली दलाई लामा के उत्तराधिकारी की घोषणा तिब्बत करेगा, ये बात अब तय हो गई है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने तिब्बत के समर्थन में नीति को मजबूती दिया है। तिब्बती नीति और समर्थन अधिनियम (टीपीएस) को सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। इसमें कहा गया है कि तिब्बत के धार्मिक नेता के चुनाव का अधिकार चीन सरकार की जगह तिब्बती लोगों का है।
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उत्तराधिकारी का चयन
कहने का मतलब साफ है कि तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन चीन नहीं कर सकेगा। चीन ने इसका विरोध किया है। अमेरिकी संसद के निचले सदन ने यह कदम हिमालयीन बौद्धों के नियंत्रण को उत्साह और मजबूती देने के मकसद से उठाया है।
बता दें कि तिब्बत पर कई दशकों से चीन का नियंत्रण रहा है। इस पूरे मामले पर चीन की तरफ से कहा गया था कि अमेरिका धार्मिक आजादी के नाम पर चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है। इससे पहले अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने तिब्बत में मानवाधिकारों और पर्यावरण संरक्षण के लिए वाशिंगटन के समर्थन को मजबूत करने वाले विधेयक को मंजूरी दी थी।
ये है वजह
विधेयक में कहा गया कि तिब्बत में धार्मिक नेता के चयन का अधिकार चीन सरकार के बजाय तिब्बतियों को होगा। इसके मुताबिक, मानवाधिकार स्तर पर, यह सभी का कर्तव्य है कि वे एक धार्मिक समूह और सरकारी उदासीनता के चलते अकथ्य बदमाशी से तिब्बती नागरिकों का बचाव करें।14 वें दलाई लामा ने माओ से लेकर शी जिनपिंग तक सभी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी नेताओं के साथ समझौता किया है। वह न केवल चीनी नेतृत्व की जटिलताओं की गहरी समझ रखते हैं, बल्कि बीजिंग और भारत में धर्मशाला के बीच चल रहे भू-राजनीतिक उथल-पुथल की भी अच्छी पकड़ रखते हैं। वह 15वें दलाई लामा की पहचान तिब्बतियों को उनके पारंपरिक तरीके से करने देने के पक्षधर हैं।
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दलाई लामा को नहीं पसंद
चीन अगले दलाई लामा के लिए प्राचीन गोल्डन यूरेन प्रक्रिया (बहुत से ड्रॉ) का उपयोग करने की योजना बना रहा है। लेकिन दलाई लामा ने इस प्रक्रिया की निंदा की है। बौद्ध आध्यात्मिक नेता ने याद दिलाया कि यह प्रक्रिया दलाई लामा के पुनर्जन्म पर लागू नहीं होगी। जबकि चीन की मानता है कि पुनर्जन्म की प्रणाली एक सामंती व्यवस्था है।
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