तेल रखने की जगह नहीं, इतना सस्ता हो जाएगा पेट्रोल-डीजल! होने जा रही बड़ी बैठक...

कोरोना की वजह से दुनियाभर की आर्थिक व्यवस्था डगमगाई है। अब इस जानलेवा वायरस की वजह से तेल की मांग दुनियाभर में घट गई है और भंडारण इतना बढ़ गया है कि इसके रखने तक की जगह नहीं है।

Update: 2020-04-05 07:45 GMT

नई दिल्ली: कोरोना की वजह से दुनियाभर की आर्थिक व्यवस्था डगमगाई है। अब इस जानलेवा वायरस की वजह से तेल की मांग दुनियाभर में घट गई है और भंडारण इतना बढ़ गया है कि इसके रखने तक की जगह नहीं है।

तो वहीं OPEC और गैर सदस्यीय देशों के बीच समझौता पहले ही खत्म हो चुका है। इस बीच प्रमुख तेल उत्पादक देशों की सोमवार को होने वाली बहुप्रतीक्षित बैठक कुछ दिन के लिये टलने की संभवाना है।

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एक रिपोर्ट के मुताबिक तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक से जूड़े एक सूत्र ने ह जानकारी दी है। सूत्र के मुताबिक ऐसा लगता है कि यह बैठक अब एक सप्ताह बाद होगी। इस बैठक में कच्चा तेल की कीमतों को उबारने के उपायों पर चर्चा की जानी थी। इस बैठक में ओपेक देशों के अलावा रूस व अन्य उत्पादकों के भाग ले सकते थे।

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सऊदी अरब तथा रूस के बीच उत्पादन में कटौती पर सहमति नहीं बन पाने तथा कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से मांग गिर जाने से कच्चा तेल के भाव 24 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास आ गये हैं। तो वहीं एक दूसरी रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर यह बैठक असफल रही तो कच्चे तेल का भाव 10 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकता है।

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OPEC और गैर सदस्यीय देशों की यह बैठक इतनी अहम है कि प्रस्तावित बैठक की खबर से ही कच्चा तेल 12 डॉलर तक चढ़ गया। 31 मार्च को कच्चे तेल का भाव 22.74 डॉलर प्रति बैरल था जो कारोबार समाप्त होने पर 3 अप्रैल को 34.11 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। हालांकि पिछले 20 दिनों से पेट्रोल-डीजल के भाव में कोई कमी नहीं हुई है।

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