पाक मीडिया भी हुआ सीएम योगी का मुरीद, कोरोना संकट के दौर में ऐसे किया काम

उत्तर प्रदेश की बड़ी आबादी के बावजूद यहां कोरोना केसों व उससे होने वाली मौतों की रफ्तार थामने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खूब प्रशंसा मिल रही है...

Update:2020-06-08 09:29 IST

अंशुमान तिवारी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की बड़ी आबादी के बावजूद यहां कोरोना केसों व उससे होने वाली मौतों की रफ्तार थामने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खूब प्रशंसा मिल रही है। भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी योगी की तारीफ की जा रही है। आमतौर पर योगी की नीतियों के कारण उन पर हमला करने वाला पाकिस्तानी मीडिया कोरोना संकट के इस दौर में योगी का मुरीद बन गया है। पाकिस्तान के चर्चित अखबार द डॉन के संपादक फहाद हुसैन ने कोरोना संकट काल में योगी द्वारा उठाए गए कदमों की तारीफ की है।

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योगी का काम इमरान सरकार से बेहतर

पाक के दिग्गज पत्रकार माने जाने वाले फहाद हुसैन ने अपने ट्वीट में योगी और पाक की इमरान सरकार के कार्यों की तुलना करते हुए कहा कि संकट के इस दौर में योगी की अगुवाई वाली सरकार ने बेहतर काम किया है। हुसैन ने अपने ट्वीट में दोनों देशों की जनसंख्या और कोरोना के कहर का तुलनात्मक अध्ययन भी किया है। हुसैन ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनसंख्या पाकिस्तान की जनसंख्या के करीब है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की आबादी करीब 20.80 करोड़ है और उत्तर प्रदेश की आबादी 22.50 करोड़ है, लेकिन कोरोना के केसों और मौतों के मामले में उत्तर प्रदेश पाकिस्तान से काफी पीछे है।

पाक में उत्तर प्रदेश से ज्यादा केस और मौतें

हुसैन ने एक ग्राफ के जरिए पाकिस्तान और उत्तर प्रदेश में कोरोना से होने वाली मौतों की तुलना की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और उत्तर प्रदेश दोनों की जनसंख्या, साक्षरता और प्रोफाइल लगभग एक जैसी है। पाकिस्तान उत्तर प्रदेश की तुलना में कम घनत्व वाला मगर ज्यादा जीडीपी वाला देश है। हुसैन का कहना है कि उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करके कोरोना पर काफी हद तक विजय हासिल कर ली है पाकिस्तान में यह काम नहीं हो सका। इसका नतीजा सबके सामने है। पाकिस्तान में उत्तर प्रदेश की अपेक्षा कोरोना केसों और मौतों की संख्या दोनों ज्यादा है।

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पाक में उत्तर प्रदेश से इतने ज्यादा मामले

उत्तर प्रदेश की विशाल आबादी के बावजूद यहां अभी तक कोरोना के 10261 मामले ही सामने आए हैं जबकि पाकिस्तान की आबादी उत्तर प्रदेश से कम होने के बावजूद वहां 98943 लोग कोरोना वायरस का शिकार बन चुके हैं। जहां तक कोरोना से होने वाली मौतों का सवाल है तो उसमें भी उत्तर प्रदेश पाकिस्तान से काफी पीछे है। पाकिस्तान में कोरोना से मरने वालों की संख्या 2002 तक पहुंच चुकी है जबकि उत्तर प्रदेश में अभी तक कोरोना से 275 मौतें दर्ज की गई है। हुसैन का कहना है कि इससे समझा जा सकता है कि पाकिस्तान में सही नीतियों का पालन नहीं किया गया।

इन मानकों पर की दोनों की तुलना

पाक के दिग्गज पत्रकार ने क्षेत्रफल, जनसंख्या, जनसंख्या में 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की संख्या, साक्षरता और प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद आदि तमाम मानकों पर उत्तर प्रदेश और पाकिस्तान की तुलना की है। हुसैन ने अपने इस ग्राफ में बताया है कि जहां पाकिस्तान में एक वर्ग किलोमीटर में 275 लोग रहते हैं वही एक वर्ग किलोमीटर में उत्तर प्रदेश में आबादी का घनत्व 932 है। पाकिस्तान में 45 बरस से अधिक आयु वर्ग के लोगों की आबादी 3.80 करोड़ है जबकि उत्तर प्रदेश में ऐसे लोगों की संख्या करीब 4 करोड़ है।

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उत्तर प्रदेश में सही नीतियों का पालन

साक्षरता के मामले में उत्तरप्रदेश पाकिस्तान से आगे है। उत्तर प्रदेश में साक्षरता की दर 68 फीसदी है जबकि पाकिस्तान में यह दर 59 फीसदी है। पाकिस्तानी पत्रकार का कहना है कि पाकिस्तान में 23 मार्च से कोरोना के केसों में बढ़ोतरी दर्ज की गई जबकि उत्तर प्रदेश में अप्रैल के पहले हफ्ते में कोरोना ने रफ्तार पकड़ी। उनका कहना है कि पाकिस्तान में हालात धीरे-धीरे बेकाबू होते चले गए जबकि उत्तर प्रदेश में सही नीतियों का पालन करने के कारण कोरोना पूरी तरह नियंत्रण में बना रहा।

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