बड़े देशों के खिलाफ पाकिस्तान की बगावत, सुनाई खरी-खोटी
केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय दखल देने की पाकिस्तान की ख्वाहिश को खारिज कर दिया गया है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय दखल देने की पाकिस्तान की ख्वाहिश को खारिज कर दिया गया है। इससे गुस्साए पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र और शक्तिशाली देशों की आलोचना करते हुए कहा है कि, वे गूंगे और बहरे हो चुके हैं। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) को दिए गए 115 पन्नों के डोजियर में कहा है कि भारत ने अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को हर तरह से अप्रासंगिक बना दिया है जिससे से स्थाई रुप से किनारे किया जा सके।
कश्मीर मुद्दे को आंतरिक मुद्दे के तौर पर नहीं देखता पाक-
कश्मीर मुद्दे को लेकर दस्तावेजों में कहा गया है कि, पाकिस्तान इसे भारत के आंतरिक मामले के रुप में नहीं देखता है। ये फैसला कश्मीर की स्थिति में एक निर्णायक बदलाव है। डोजियर में कहा गया है, आश्चर्य है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, संयुक्त राष्ट्र और शक्तिशाली देशों ने मानवाधिकार के सार्वभौम घोषणा के दस्तावेज को भुल चुके हैं और वे सभी कश्मीर के मुद्दे पर गूंगे और बहरे हो गए हैं।
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पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बनाना चाहता है। लेकिन उसे हर बार नाकामी ही हासिल हुई है। इस मामले में कई देशों ने भारत का साथ देते हुए कहा है कि ये भारत का आंतरिक मुद्दा है। पाकिस्तान ने इस मामले में मुस्लिम कार्ड खेलने की भी कोशिश कर चुका है।
अमेरिका को भी दी ये धमकी-
पाकिस्तान ने भारत को परमाणु युद्ध की भी धमकी दे चुका है। ताकि वो सबका ध्यान कश्मीर के मुद्दे पर ला सके। लेकिन फिर भी पाकिस्तान को सफलता हाथ नहीं लगी। यहां तक कि उसने अमेरिका को धमकी देते हुए उसने कहा कि वो अफगिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में किसी तरह की मदद नहीं करेगा। लेकिन इसका भी पाकिस्तान को फायदा नहीं मिला।
इन देशोें ने भी नहीं दिया साथ-
पाकिस्तान को लगातार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक खाड़ी देशों और इस्लामिक सहयोग संगठन (ओसीसी) ने भी पाकिस्तान का साथ नहीं दिया है बल्कि पीएम मोदी को संयुक्त अरब अमीरात ने अपने देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ से उन्हें सम्मानित किया है।
इसी तरह बहरीन ने भी मोदी को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया है। केवल चीन ने पाकिस्तान का समर्थन किया है। जबकि अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और रुस ने इसे भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला करार दिया है। इसका समाधान दोनों देशों को मिलकर निकालना होगा।
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