नया खुलासा! इस मामले में भी पाकिस्तान निकला फिसड्डी, गिर गया इतना नीचे
पाकिस्तान को 100 में से 26वें नंबर पर रखा गया है, पिछले साल की रैकिंग के मुकाबले यह एक स्थान नीचे है। इंटरनेट के उपयोग में आने वाली बाधाओं के लिए इस देश ने 25 में से 5 स्कोर किया है, इंटरनेट पर सर्च की जाने वाली चीजों की सीमित मात्रा में पाकिस्तान ने 35 में से 14 स्कोर किया है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान हमेशा भारत की छोटी-छोटी कमियों को उजागर करता रहता है। धारा-370 के खत्म होने के बाद सुरक्षा कारणों से कश्मीर में इंटरनेट की सेवा ठप रहने के चलते पाकिस्तान भारत की आलोचना करता रहा है। एक अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि लगातार नौ साल से इंटरनेट उपयोग के मामले में पाकिस्तान स्वतंत्र नहीं है। इसी के साथ इस साल पाकिस्तान ने इस मामले में 100 से 26 स्कोर किया है जबकि पिछले साल यह 27 था। फ्रीडम हाउस (गैर सरकारी संगठन) ने मंगलवार को 'द क्राइसिस ऑफ सोशल मीडिया' शीर्षक के साथ अपनी फ्रीडम ऑन द नेट (एफओटीएन) रिपोर्ट को जारी किया, जिसमें जून 2018 से मई 2019 के बीच वैश्विक इंटरनेट स्वतंत्रता में समग्र गिरावट दर्ज की गई है।
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इंटरनेट की सेवा देने में पाकिस्तान 100 में से 26वें नंबर पर
रिपोर्ट में पाकिस्तान को 100 में से 26वें नंबर पर रखा गया है, पिछले साल की रैकिंग के मुकाबले यह एक स्थान नीचे है। इंटरनेट के उपयोग में आने वाली बाधाओं के लिए इस देश ने 25 में से 5 स्कोर किया है, इंटरनेट पर सर्च की जाने वाली चीजों की सीमित मात्रा में पाकिस्तान ने 35 में से 14 स्कोर किया है।
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उल्लंघन के मामले में पाकिस्तान ने 40 में से सात अंक पाये हैं
उपयोगकर्ता अधिकार सूचकांक के उल्लंघन के मामले में पाकिस्तान ने 40 में से सात अंक प्राप्त किए हैं। वैश्विक स्तर पर, इंटरनेट और डिजिटल मीडिया स्वतंत्रता के मामले में पाकिस्तान दस सबसे खराब देशों में से एक है। क्षेत्रीय रैकिंग के मामले में पाकिस्तान, वियतनाम और चीन के बाद तीसरा सबसे खराब देश है।
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भ्रामक या गलत जानकारी फैलाने के लिए पाकिस्तान के न्यूज साइट
इंटरनेट स्वतंत्रता में आई गिरावट के अलावा रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि पाकिस्तान में सूचनात्मक रणनीति के माध्यम से चुनाव में भी हेरफेर किया गया है जिनमें अति-पक्षपात टीकाकरों, बोट्स (इंटरनेट प्रोग्राम) या भ्रामक या गलत जानकारी फैलाने के लिए न्यूज साइट के साथ-साथ कनेक्टीविटी पर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध और वेबसाइट्स की ब्लाकिंग जैसे तकनीकी चाल भी शामिल हैं।