भारत ने कश्मीर में किया ये काम तो इमरान फिर भागे UN में मुद्दा लेकर

जम्मू-कश्मीर में लोगों को अधिवास प्रमाण पत्र (डोमिसाइल सर्टिफिकेट) बांटे जा रहे हैं। जिस पर पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ती जा रही है। भारत सरकार का यह फैसला पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को रास नहीं आ रहा है।

Update: 2020-06-30 12:28 GMT

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में लोगों को अधिवास प्रमाण पत्र (डोमिसाइल सर्टिफिकेट) बांटे जा रहे हैं। जिस पर पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ती जा रही है। भारत सरकार का यह फैसला पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को रास नहीं आ रहा है। अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को इस फैसले को पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र यानी UN में उठाने की बात तक कह दी है।

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यह UNSC के प्रस्तावों और अंतर्राष्ट्रीय कानून का है उल्लंघन

इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को ट्वीट किया कि पहले भारत ने जम्मू-कश्मीर में अवैध तरीके से कानूनों में बदलाव करने का प्रयास किया और अब 25,000 भारतीय नागरिकों को अधिवास प्रमाण पत्र जारी करके गैरकानूनी तरीके से जम्मू-कश्मीर (आईओजेके) की जनसांख्यिकीय संरचना (demographic structure) को बदलने की कोशिश की है। यह यूएनएससी के प्रस्तावों और अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है।

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भारत को इस अस्वीकार्य रास्ते से रोका जाना चाहिए- इमरान

अपने अगले ट्वीट में इमरान खान ने लिखा कि मैंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से संपर्क किया है और दुनिया के अन्य नेताओं से संपर्क कर रहा हूं। भारत को इस अस्वीकार्य रास्ते से रोका जाना चाहिए, जो कश्मीरी लोगों के कानूनी अधिकारों और दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।

अब तक 30 हजार लोगों को मिला डोमिसाइल सर्टिफिकेट

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में जम्मू-कश्मीर में लोगों को अधिवास प्रमाण पत्र (डोमिसाइल सर्टिफिकेट) बांटे जा रहे हैं। अब तक तकरीबन 30 हजार से अधिक लोगों को जम्मू और कश्मीर में ऑनलाइन डोमिसाइल सर्टिफिकेट प्राप्त हो चुके हैं।

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क्या है डोमिसाइल सर्टिफिकेट?

नए डोमिसाइल कानून के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में कम से कम 15 साल से निवास करने वाले गैर-स्थायी निवासी यह प्रमाण पत्र पाने के हकदार हैं। भारत सरकार की ओर से केंद्र शासित प्रदेश में गैर-निवासियों की अलग-अलग श्रेणियों में रहने के लिए कानून बदलने के बाद यह सर्टिफिकेट बांटा जा रहा है।

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