Pak Army Chief: आईएसआई डीजी रह चुके हैं पाकिस्तान के नए आर्मी चीफ आसिम मुनीर
PAK New Army Chief: लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर एक तीन सितारा रैंक के जनरल हैं और वर्तमान में पाकिस्तान सेना में क्वार्टरमास्टर जनरल के रूप में सेवारत हैं।
PAK New Army Chief: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने अपने संवैधानिक अधिकार का उपयोग करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल सैयद असीम मुनीर अहमद शाह को सेना प्रमुख और लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया है। बतौर सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सैयद असीम मुनीर अहमद शाह का कार्यकाल तीन साल का होगा।
लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर एक तीन सितारा रैंक के जनरल हैं और वर्तमान में पाकिस्तान सेना में क्वार्टरमास्टर जनरल के रूप में सेवारत हैं। उन्हें सितंबर 2018 में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया था और खुफिया एजेंसी, आईएसआई (इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) का 23वां महानिदेशक नियुक्त किया गया। आईएसआई में उनका कार्यकाल तीन साल का था लेकिन सिर्फ 8 महीने में उनको हटा कर लेफ्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद को आईएसआई की डीजी बना दिया गया था। असीम मुनीर को तत्कालीन पीएम इमरान खान के आग्रह पर बदल दिया गया था।
लेफ्टिनेंट जनरल सैयद असीम मुनीर अहमद 17वें ओटीएस कोर्स से हैं और फ्रंटियर फोर्स रेजीमेंट की 23वीं बटालियन में कमीशन हुए थे। उन्हें मार्च 2018 में हिलाल-ए-इम्तियाज से सम्मानित किया गया था। उन्होंने इससे पहले फोर्स कमांड उत्तरी क्षेत्रों के कमांडर के रूप में काम किया था। वह जनरल बाजवा के तब से करीबी सहयोगी रहे हैं, जब वह कमांडर एक्स कोर थे। उस समय असीम मुनीर ने ब्रिगेडियर के रूप में फोर्स कमांड उत्तरी क्षेत्रों में सैनिकों की कमान संभाली थी। लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर को बाद में 2017 की शुरुआत में सैन्य खुफिया महानिदेशक नियुक्त किया गया था, और अगले साल अक्टूबर में इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस प्रमुख बनाया गया था। वह 'हाफिज-ए-कुरान' भी हैं ये खिताब उन्हें लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में सऊदी अरब में अपनी पोस्टिंग के दौरान कुरान को कंठस्थ करने पर दिया गया था।
ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को निवर्तमान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की जगह लेने के लिए ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी चुना है।
ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी एक अंतर-सेवा मंच है जो तीनों सशस्त्र बलों के बीच समन्वय के लिए काम करता है। ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी, प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण के प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में भी कार्य करता है।
लेफ्टिनेंट जनरल मिर्जा सिंध रेजिमेंट से आते हैं। वह पिछले सात वर्षों के दौरान सेना में वरिष्ठ नेतृत्व के पदों पर रहे हैं। सेवानिवृत्त जनरल राहील शरीफ के कार्यकाल के अंतिम दो वर्षों के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल मिर्जा महानिदेशक सैन्य अभियान के रूप में प्रमुखता से आगे आए थे। उस भूमिका में, वह जनरल मुख्यालय में जनरल शरीफ की कोर टीम का हिस्सा थे, जिसने उत्तरी वजीरिस्तान में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और अन्य आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य अभियान की निगरानी की थी।
इसके अलावा, लेफ्टिनेंट-जनरल मिर्ज़ा उस समन्वय समूह में निकटता से शामिल थे, जिसने पाकिस्तान, चीन, अफगानिस्तान और अमेरिका को शामिल करते हुए अंतर-अफगान वार्ता की मध्यस्थता की। वह गिलगित-बाल्टिस्तान के सुधारों पर सरताज अजीज के नेतृत्व वाली समिति के सदस्य भी थे।
तीन-सितारा रैंक पर उनकी पदोन्नति के बाद, उन्हें जनरल स्टाफ का प्रमुख नियुक्त किया गया, प्रभावी रूप से उन्हें सेना प्रमुख के बाद सेना में दूसरा सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बना दिया गया। उस भूमिका में, वह राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी मामलों से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लेने में बारीकी से लगे हुए थे। वह 2021 में चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ रणनीतिक वार्ता में पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ भी शामिल हुए। अक्टूबर 2021 में, उन्हें कोर कमांडर रावलपिंडी के रूप में तैनात किया गया था।