Pakistan: इमरान खान ने पश्चिमी मॉडल को बताया बेकार, कहा- China जैसी व्यवस्था से ही हो सकता है विकास
Pakistan: इमरान ने कहा कि चीन के शिन्जियांग प्रान्त में उइघुर मुस्लिमों के बारे में चीन जो बताता है वो पश्चिमी मीडिया और पश्चिमी सरकारों के वर्जन से एकदम अलग है। इमरान ने कहा-चूँकि चीन से हमारे बहुत मजबूत रिश्ते हैं, हमारे रिश्ते आपसी विश्वास पर आधारित हैं इसलिए हम चीनी वर्जन को स्वीकार करते हैं।
नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री ने चीन की जिस तरह तारीफ की है वैसी शायद ही किसी देश के नेता ने की होगी। इमरान ने कहा है कि चीन की एक दलीय व्यवस्था सबसे अच्छी है और पश्चिमी देशों का लोकतान्त्रिक व्यवस्था का मॉडल बेकार है। चीन ने जो किया है वही समाज के विकास के लिए सबसे बेहतर तरीका है।
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने के मौके पर पाकिस्तान के दौरे पर आये चीनी पत्रकारों के एक दल को संबोधित करते हुए इमरान खान ने चीन की खुले दिल से तारीफ की। इमरान ने कहा कि चीन के शिन्जियांग प्रान्त में उइघुर मुस्लिमों के बारे में चीन जो बताता है वो पश्चिमी मीडिया और पश्चिमी सरकारों के वर्जन से एकदम अलग है। इमरान ने कहा-चूँकि चीन से हमारे बहुत मजबूत रिश्ते हैं, हमारे रिश्ते आपसी विश्वास पर आधारित हैं इसलिए हम चीनी वर्जन को स्वीकार करते हैं। चीन सरकार शिन्जियांग में अपने कार्यक्रमों के बारे में हमें जो बताती है उसे हम स्वीकार करते हैं। हमारे पास पश्चिमी देशों के कहे पर विश्वास करने की कोई वजह नहीं है।
एक दलीय व्यवस्था की वकालत
इमरान खान ने चीन में एक दलीय शासन प्रणाली की भी प्रशंसा और वकालत की है। उन्होंने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) एक अनोखा मॉडल है। अभी तक हमें बताया जाता रहा था कि समाजों के उत्थान का सर्वोत्तम तरीका लोकतंत्र का पश्चिमी सिस्टम है। लेकिन सीपीसी ने जो किया है उससे एक वैकल्पिक सिस्टम सामने आया है। जिस तरह उन्होंने अपने समाज में मेरिट को आगे बढ़ाया है उसने असलियत में सभी पश्चिमी लोकतंत्रों को मात दे दी है।
इमरान ने कहा कि निर्वाचन आधारित लोकतंत्र आपको बाँध देता है, आप सुधार नहीं कर सकते। लेकिन चीन का मॉडल लचीला है और ये सबसे बड़ी खासियत है। इमरान खान ने कहा कि अभी तक ये माना जाता था कि निव्रचन आधारित लोकतंत्र से योग्यता आधारित लीडरशिप मिलती है और लीडरशिप को जवाबदेह ठहराया जा सकता है। लेकिन सीपीसी ने निर्वाचन अधित लोकतंत्र के बगैर बहुत कुछ हासिल करके दिखा दिया है और वह वाकई में प्रशंसनीय है।
बता दें कि चीन में सरकार, शासन, प्रशन पर कम्युनिस्ट पार्टी का एक्स्क्लुसिव कण्ट्रोल रहता है और देश की संसद के बड़े पदों के लिए किसी तरह का कोई सीधा चुनाव नहीं होता है।
60 अरब डालर का मामला
पकिस्तान के चीन के प्रति बेहद दोस्ताना, नरम और अहसान वाले रुख की वजह चीन द्वारा दी गयी मदद है। चीन - किस्तान आर्थिक गलियारे के प्रोजेक्ट में चीन ने 60 अरब डालर से ज्यादा का निवेश कर रखा है। पाकिस्तान में हाईवे, बाँध, बिजली आदि तमाम परियोजनाओं में चीन ने भरी भरकम निवेश किया है और इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में मदद की है। इसके अलावा चीन ने पाकिस्तान को आर्थिक मदद दे कर उसे दीवालियेपन से भी बचाया हुआ है। इस नजरिये से पाकिस्तान अब पूरी तरह से चीन के एहसानों तले दबा हुआ है जिससे बाहर निकलना बेहद मुश्किल है।