चीन का सगा लेकिन मुस्लिमों से दगा, आखिर ऐसा क्यों कर रहा पाकिस्तान

मंगलवार को चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के साथ व्यवहार को लेकर संयुक्त राष्ट्र में चर्चा हुई। जिसमें से 54 देशों ने बीजिंग के मानवाधिकारों को लेकर सराहना की।

Update:2019-10-31 16:16 IST

मंगलवार को चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के साथ व्यवहार को लेकर संयुक्त राष्ट्र में चर्चा हुई। जिसमें से 54 देशों ने बीजिंग के मानवाधिकारों को लेकर सराहना की। तो वहीं 23 देश ऐसे भी थें, जिन्होंने चीन की आलोचना की। जिन 54 देशों ने चीन की सराहना की उनमें से एक देश पाकिस्तान भी था।

पाकिस्तान ने किया चीन का समर्थन

कई पश्चिमी देशों ने उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें बीजिंग के मानवाधिकारों को लेकर आलोचना की गई है। हालांकि चीन के प्रिय मित्र देश यानि कि पाकिस्तान ने इसका विरोध किया है। साथ ही चीन के समर्थन में एक बयान भी जारी किया है। पाकिस्तान के अलावा, रुस, सर्बिया, बोल्विया और कॉन्गो जैसे देशों ने चीन का समर्थन किया है।

यह भी पढ़ें: ये हैं भारत में रेप के सबसे बड़े अपराधी! फांसी के लिए जारी हो सकता है ब्लैक वारंट

चीन की आलोचना करने वाले पश्चिमी देश अक्सर चीन पर 10 लाख मुस्लिमों को शिनजियांग प्रांत में कैद रखने और उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाते रहते हैं। शुरुआत में चीन इन कैंपों के होने की बात को खारिज करता रहा, लेकिन बाद में चीन ने इन कैंपों को आतंकवाद से लड़ने के लिए बनाए गए प्रशिक्षण केंद्र का नाम दिया।

ब्रिटेन ने कहा- चीन न करे मुस्लिमों को प्रताड़ित

ब्रिटेन ने UN में जारी अपने एक बयान में कहा था कि, चीन की सरकार को उइगर समुदाय व मुस्लिम समुदाय के अन्य सदस्यों को मनमाने तौर पर हिरासत में लेने से बचना चाहिए। ब्रिटेन के इस बयान का US, जर्मनी, जापान, कनाडा, फ्रांस और न्यूजीलैंड जैसे देशों ने भी समर्थन किया है।

चीन से दुश्मनी नहीं लेना चाहता पाक

पाकिस्तान वैसे तो हर बार दुनियाभर के मुस्लिम अल्पसंख्यकों के हक में खड़े होने की बात करता है। लेकिन जब उइगर मुस्लिमों की बात आती है तो पाकिस्तान कभी भी अपने मित्र देश चीन के खिलाफ खड़ा नहीं होना चाहता।

यह भी पढ़ें: Twitter करने जा रहा है ये बड़ा बदलाव, ऐसे लोग नहीं कर पाएंगे मनचाही पोस्ट

जबरन कराया गया इस्लाम का त्याग

शिनजियांग प्रांत में अक्सर चीन द्वारा उइगर मुस्लिमों को प्रताड़ित करने की बात सामने आती रहती है। कई मुस्लिम नागरिकों को जबरन उनके परिवार से दूर डिटेंशन कैंपों में भेज दिया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन से भागे हुए कुछ मुस्लिमों का कहना है कि उनसे जबरन इस्लाम का त्याग करवाया गया और उन्हें चीन की सत्तारुढ़ पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादार रहने की शपथ भी दिलाई गई।

मुस्लिमों के लिए सदैव खड़ा रहने का दावा करने वाले पाक पीएम इमरान खान हमेशा इन बातों से अंजान बने रहना चाहते हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि, उन्हें इस बारे में कुछ जानकारी नहीं है।

पाक और चीन अच्छे दोस्त- इमरान खान

उन्होंने कहा था कि, मैंने कभी इस मुद्दे पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात नहीं की। हम खुद ही अपने देश में कई सारी समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो हमें उइगरों की समस्या के बारे में नहीं पता है। जब से हम सत्ता में आए हैं, हमारे पास देश की अर्थव्यवस्था से लेकर कश्मीर जैसी कई समस्याएं हैं। हां, मैं चीन के बार में ये जरुर कहना चाहूंगा कि चीन पाकिस्तान का सबसे अच्छा मित्र है।

यह भी पढ़ें: ‘विवादित’ है EU का कश्मीर दौरा! जानिए भारत ने इसे क्यों रखा अनौपचारिक

Tags:    

Similar News