पाक चोरी-चोरी कर रहा ये खतरनाक काम, अमेरिका ने पकड़ा, दुनिया में मचा हड़कंप

पाकिस्तान की नापाक हरकतों और करतूतों से पूरी दुनिया वाकिफ है। वैज्ञानिक ए क्यू खान की बदौलत धोखे से पाकिस्तान ने परमाणु हथियार हासिल किया है।

Update: 2020-01-17 11:04 GMT

नई दिल्ली: पाकिस्तान की नापाक हरकतों और करतूतों से पूरी दुनिया वाकिफ है। वैज्ञानिक ए क्यू खान की बदौलत धोखे से पाकिस्तान ने परमाणु हथियार हासिल किया है। पाकिस्तानी वैज्ञानिक खान ने कनाडा से परमाणु तकनीक चुराकर न सिर्फ पाकिस्तान में न्यूक्लियर प्रोग्राम चलाया बल्कि इसे ईरान, लीबिया, उत्तर कोरिया जैसे देशों को भी बेचा।

इसके बाद से ही पाकिस्तान ने परमाणु तस्करी और मिसाइल टेक्नॉलजी के अवैध अधिग्रहण से बाज नहीं आ रहा है। इसके पास विज्ञान और तकनीक का शायद ही कोई केंद्र है, फिर भी इसने चोरी और धोखे से परमाणु हथियार और बैलेस्टिक मिसाइल प्राप्त कर लिया है।

अब पाकिस्तान को अमेरिका की तकनीक चोरी करते हुए पकड़ा गया है। रावलपिंडी स्थित फ्रंट कंपनी 'बिजनस वर्ल्ड' से जुड़े पांच पाकिस्तानियों पर अमेरिका में आरोप लगा है कि उन्होंने पाकिस्तान के न्यूक्लियर और मिसाइल प्रोग्राम के लिए अमेरिकी तकनीक की तस्करी की है।

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अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट के अनुसार ये पांच पाकिस्तानी कनाडा, हॉन्ग कॉन्ग और ब्रिटेन में रहते हैं। डिपार्टमेंट ने कहा कि यह अपनी फ्रंट कंपनियों के लिए दुनियाभर से खरीद करने का नेटवर्क चलाते थे। इनकी फ्रंट कंपनियां एडवांस्ड इंजीनियरिंग रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (एईआरओ) और पाकिस्तान ऐटमिक एनर्जी कमीशन (पीएईसी) के लिए अमेरिका में बने उत्पाद खरीदती हैं। यह कंपनी अमेरिका से सामानों का निर्यात बिना एक्सपोर्ट लाइसेंस के ही करवाती है जो अमेरिकी कानून का खुला उल्लंघन है।

राष्ट्रीय सुरक्षा में शामिल अमेरिकी असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल जॉन सी डेमर्स का कहना है कि प्रतिवादियों (पाकिस्तानियों) ने अमिरेका में निर्मित उत्पाद उन संस्थानों को निर्यात किए जिन्हें अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में चिह्नित किया गया है, क्योंकि इन संस्थानों के संबंध पाकिस्तान के हथियार कार्यक्रमों से है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जो अमेरिका के लिए एक उदाहरण बन सकता है कि उसे निर्यात के नियमों को लागू करने में कड़ाई बरते।

अमेरिकी असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल जॉन सी डेमर्स

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इन आरोपियों में मुम्मद कामरान वली (41) पाकिस्तान में, मुहम्मद अहसान वली (48) और हाजी वली मुहम्मद शेख (82) कनाडा में, अशरफ खान मुहम्मद हॉन्ग कॉन्ग में जबकि अहमद वहीद (52) ब्रिटेन में रहते हैं। इनसब पर इंटरनेशनल एनर्जी इकनॉमिक पावर्स ऐक्ट और एक्सपोर्ट कंट्रोल रिफॉर्म ऐक्ट के उल्लंघन की साजिश रचने का आरोप लगा है।

भारत की टेंशन

अमेरिका के बयान में इस ओर इशारा किया गया है कि पाकिस्तान के इस तस्करी नेटवर्क का खुलासा भारत की सुरक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशंस के ऐक्टिंग स्पेशल एजेंट इन चार्ज जैसन मोलिना ने कहा इन लोगों का कथित व्यवहार अमेरिकी निर्यात कानूनों के उल्लंघन से कहीं ज्यादा बड़ा मसला है। इसने अमेरिकी सुरक्षा हितों के साथ-साथ क्षेत्र के अलग-अलग देशों के बीच नाजुक शक्ति संतुलन के लिए भी खतरा पैदा किया है। पाकिस्तानियों ने पाकिस्तान में उस जगह को भी छिपाने की कोशिश की जहां अमेरिकी उत्पाद भेजे जा रहे थे। अभी इन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है।

पाकिस्तानी वैज्ञानिक एक्यू खान

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16 साल पहले पाकिस्तान का परमाणु तस्करी और प्रोलिफरेशन स्कैंडल पकड़ाया था। उस तस्करी में पाकिस्तानी वैज्ञानिक एक्यू खान का हाथ था। एक्यू खान ने डच कंपनी रेंको से सेंट्रीफ्यूज चुरा लिया था जिसके दम पर पाकिस्तान ने 1980 में परमाणु बम बना लिया। पाकिस्तान ने यह टेक्नॉलीज नॉर्थ कोरिया और चीन को भी बेच दी। खान ने लीबिया और ईरान को भी मदद की थी। पाकिस्तान धोखेबाजी से अपना परमाणु हथियारों का अवैध खजाना बढ़ा रहा है।

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