Russia Ukraine War: यूक्रेन में रूसी हाइपरसोनिक हथियारों को धूल चटा रही ये अमेरिकी मिसाइल, जानिए डिटेल्स

Russia Ukraine War : पैट्रियट मिसाइल एक अमेरिकी मिसाइल है जो तेजी से उड़ाने वाली द्विपक्षीय सुरंग मिसाइल है। इस मिसाइल का निर्माण अमेरिकी कंपनी रे अंडेल को ध्यान में रखते हुए किया गया है। यह मिसाइल सुपरसोनिक है और उच्च ज्वालामुखीकारी शक्ति के साथ तैयार की गई है।

Update:2023-05-26 21:27 IST
Patriot missile (social media)

Russia Ukraine War : अमेरिका में इजाद की गई सबसे खतरनाक मिसाइल का इस्तेमाल अब यूक्रेन अपने दुश्मन देश को खदेड़ने के लिए कर रहा है। यूक्रेन - रूस युद्ध में अपने सेहयोगी देश अमेरिका द्वारा दी गई पैट्रियट मिसाइल यूक्रेन की तरफ से हमलावर और गेमचेंजर साबित हो रहीं हैं। अमेरिकी निर्मित पैट्रियट मिसाइल रक्षा प्रणाली को रूसी हमले से भारी नुकसान हुआ है। यूक्रेन द्वारा रूसी सेना पर हमले से हाल ही में रूस की 6 हाइपरसोनिक मिसाइलों को नेस्तनाबूत कर दिया है। इतने भारी नुकसान और तगड़ी प्रतिक्रिया मिलने के बाद अब रूस के अहम को काफी धक्का पहुंचा है। इस बौखलाहट में लगातार यूक्रेन पर हमले किए जा रहा है। दो अमेरिकी अधिकारियों ने बीते मंगलवार को कहा कि यूक्रेन द्वारा इस्तेमाल की जा रही एक पैट्रियट मिसाइलों पर रूस ने ताबड़तोड़ स्ट्राइक की जिसमें पैट्रियट मिसाइलों को थोड़ा बहुत क्षति अवश्य पहुंची है लेकिन यह डिस्ट्रॉय नहीं हुआ है। आइए जानते हैं इस खतरनाक हवा में ही दुश्मनों का काम तमाम करने वाली पैट्रियट मिसाइल से जुड़े डिटेल्स के बारे में .....

42 सालों से अपने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए इस्तेमाल कर रहा अमेरिका

यह सतह से लंबी दूरी तक हवा में दुश्मन को ढेर करने की ताकत रखती है। इस शक्तिशाली मिसाइल के अगर इतिहास की बात करें तो यह अमेरिका में पिछले 42 सालों से अपने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए इस्तेमाल की जा रही है। पैट्रियट मिसाइल पर 1963 में ही प्रयोग होना शुरू हो गया था। अमेरिका रक्षा बेड़ा में इस मिसाइल को बनाने का उद्देश्य पुराने पड़ रहे इनके ताकतवर नाइके हरक्यूलिस और हॉक एयर डिफेंस सिस्टम से कहीं ज्यादा शक्तिशाली मिसाइल को इजाद करना था। सबसे बड़ी बात यह है कि इस पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम का पहला परीक्षण 1969-1970 में हुआ था।

अपने सारे परीक्षण में पास होने के बाद पैट्रियट मिसाइल को 1982 में पहली बार अमेरिकी सेना में शामिल किया गया था। पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम के अलग-अलग वेरिएंट के 1100 से कही ज्यादा लॉन्चरों का इस्तेमाल अमेरिकी सेना करती है। इस एयर डिफेंस को अमेरिका के कई दोस्त देशों को भी निर्यात किया गया है। वर्तमान में पैट्रियट के अडवांस वेरिएंट 14 देशों की सेना में शामिल हैं। अभी हाल ही मे रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में अमेरिका ने यूक्रेन की मदद इस शक्तिशाली पैट्रियट मिसाइल देकर की है। इस मिसाइल को फिलहाल रेथियॉन, लॉकहीड मार्टिन और बोईंग कंपनियां मिलकर बनाती हैं। अब तक 10 हजार से ज्यादा मिसाइलें बनाई गई हैं। यूक्रेन का दावा है कि उसने रूस की हाइपरसोनिक किंझल मिसाइल को पैट्रियट से मार गिराया है।

दुनिया की सबसे भरोसेमंद हवाई सुरक्षा सिस्टम

पैट्रियट मिसाइल मिसाइल को दुनिया की सबसे भरोसेमंद हवाई सुरक्षा सिस्टम में अपनी मजबूत प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। पैट्रियट मिसाइल का प्रयोग मुख्य रूप से बैलिस्टिक मिसाइलों को हवा में ही नष्ट करने में किया जाता रहा है।2003 में इराक पर अमेरिकी आक्रमण के दौरान भी इस मिसाइल का प्रयोग किया गया था। इस मिसाइल सिस्टम से कई देशों पर युद्ध जैसे खतरों के समय रक्षा की है। जिनमें सऊदी अरब, कुवैत और इजराइल, आदि देशों की इस मिसाइल ने युद्ध के दौरान दुश्मनों को अपने दमखम से वापस लौटने पर मजबूर कर दिया था और इन देशों की रक्षा की थी। पैट्रियट मिसाइलों का इस्तेमाल खाड़ी युद्ध, इराक युद्ध, इजरायल-गाजा संघर्ष, सीरिया, यमन के जंगों में होता आया है और अब रूस-यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल हो रहा है।

1106 लॉन्चर सिर्फ अमेरिका में तैनात

अमेरिका किस मजबूती के साथ अपने देश की सैन्य शक्ति को दुनियां में एक बेहद शक्तिशाली देश के रूप में खाका खींचता हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जाता है कि पैट्रियट मिसाइल सिस्टम के कुल 1106 लॉन्चर अमेरिका की रक्षा बेड़ा में शामिल है। अब तक इस मिसाइल सिस्टम के 7 से 8 वैरिएंट्स बनाए जा चुके हैं। जो अलग-अलग रेंज और ताकत जैसी खूबियों से भरपूर हैं। अपनी अलग अलग मारक क्षमता के हिसाब से इनका इस्तेमाल किसी भी तरह के हवाई हमले को रोकने के लिए किया जा सकता है। अमेरिका ने अपनी रक्षा बेड़े में इन मिसाइल के शामिल करने के साथ कुल 172 लॉन्चर अलग-अलग देशों को भी दिए हैं।

कितनी वजनी होती हैं पैट्रियट मिसाइलें

इन मिसाइलों के वजन की बात करें तो पैट्रियट मिसाइलें 312 से 914 किलोग्राम तक काफी ज्यादा वजनी होती हैं। इतने वजन का हथियार किसी भी बड़ी मिसाइल को हवा में ही उड़ाने की क्षमता रखता है. डेटोनेशन यानी टकराव पर विस्फोट के लिए प्रॉक्सिमिटी फ्यूज सिस्टम लगाया गया है।जो कि दुश्मन मिसाइल से टकराते ही फट पड़ता है।

इन मिसाइलों पर कंपोजिशन ब्लास्ट, हाई एक्सप्लोसिव, ब्लास्ट, फ्रैगमेंटेशन वारहेड लगाए जाते हैं। लंबाई 15.10 से लेकर 17.1 फीट तक होती है। हर वैरिएंट पर छोटे पंख लगे होते हैं।जिनका विंगस्पैन 1.8 से लेकर 3 फीट तक होता है। वारहेड का वजन 73 से 90 किलोग्राम तक हो सकता है।

पैट्रियट मिसाइलों की रेंज

यह मिसाइल लगभग अपनी सतह से 80 हजार फीट की ज्यादा से ज्यादा ऊंचाई तक जा सकती है। इस हिसाब से यह मिसाइल 24 km की ऊंचाई तक जा सकती हैं। इसके वैरिएंट की गति 3430 से 5022 किलोमीटर प्रतिघंटा है। कितनी भी ताकतवर मिसाइल को मार गिराने के लिए पैट्रियट मिसाइलों की गति बेहद घातक है। इस मिसाइल की रेंज की बात करें तो ये 30 किलोमीटर से लेकर 160 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं।

गाइडेंस इनहैंस्ड मिसाइल

उच्च तकनीकी क्षमता से लैस इस मिसाइल को प्रयोग करने के लिए मोबाइल द्वारा इंस्ट्रक्शंस दिए जाते हैं। असल में इस मिसाइल का लॉन्चर मोबाइल होता है। मोबाइल के जरिए आप कहीं भी बैठे बैठे इस मिसाइल को लॉन्च किया जा सकता है। यह मिसाइल पहले से और भी ज्यादा घातक हो गई है। अब यह खुद ही टारगेट सेट करके हमला कर देती है। अब से पहले यह मिसाइल किसी मोबाइल द्वारा गाइडेड नहीं थे। इस मिसाइल के तकनीकी विकास के बाद अब यह पैक-2 वर्जन के आने से अब पूरी तरह से गाइडेड मिसाइल बन चुके हैं। इस मिसाइल का इस्तेमाल अमेरिका, जर्मनी, ग्रीस, इजरायल, जापान, जॉर्डन, कुवैत, नीदरलैंड्स, पोलैंड, कतर, रोमानिया, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन, ताईवान, संयुक्त अरब अमीरात और यूक्रेन कर रहे हैं।

एक लॉन्चर में 16 मिसाइलें करती हैं बिना रुके हमला

इस डिफेंस सिस्टम के लॉन्चर में 16 मिसाइलें सेट होती हैं।यानी यह एक के बाद एक अपने घातक हमलों से दुश्मन को बचने का मौका नहीं देती। इसके हमलों से बच पाना नामुमकिन होता है। क्योंकि पैक-3 मिसाइल वैरिएंट 5022 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दुश्मन की ओर बढ़ती है। नई पैक-3 मिसाइल अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। यह एक हिट-टू-किल इंटरसेप्टर मिसाइल है। इसके लॉन्चर को भी बदला गया है ताकि दुश्मन टारगेट मिस न हो। पैक-3 को अपग्रेड करके पैक-3 एमएसई मिसाइल बनाई गई है। यह एक मीडियम एक्सटेंडेड एयर डिफेंस सिस्टम (MEADS) है। जिसके बाद इसकी दुश्मन को टारगेट करने की क्षमता और ज्यादा पैनी हो गई है।

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