इमरान खान के सिनेटर का ये बयान पढ़कर हर भारतीय का खौल उठेगा खून!

सयैद के मुताबिक, 1998 में न्यूक्लियर टेस्ट के करीब 20 साल बाद पाकिस्तान के लिए ये सबसे अच्छा वक्त था। हुसैन ने जैश-ए-मोहम्मद के सगरना मसूद अजहर के खिलाफ यूएन में प्रस्ताव खारिज होने को अपने मुल्क की कूटनीतिक जीत करार दिया।

Update: 2019-03-16 08:19 GMT
फ़ाइल फोटो

इस्लामाबाद: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में बीते दिनों सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के बीच तल्खी कम होने का नहीं ले रही है। पाकिस्तान की तरफ से लगातार ऐसे बयान आ रहे है। जो दोनों देशों के रिश्तों में दरार डालने का काम कर रहे है।

इसी कड़ी में अब इमरान खान सरकार में सीनेटर मुसैद हुसैन सयैद ने पुलवामा हमले को लेकर एक ऐसा बयान दे डाला है। जो दोनों देशों के बीच सुलह (करतारपुर कारिडोर) की कोशिशों पर पानी फेर सकते है।

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दरअसल मामला कुछ यूं है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग (N) के सदस्य मुसैद हुसैन सयैद ने हाल में एक बयान दिया है। जिसमें उन्होंने कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान के लिए 'सबसे अच्छा समय' करार दिया है।

ये बयान उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटजिक स्टडीज इस्लामाबाद (आईएसएसआई) की मीटिंग में पाकिस्तान-चाइना इंस्टीट्यूट एंड सिनेट फॉरिन अफेयर्स कमिटी के चेयरमैन के तौर पर दिया है।

सयैद के मुताबिक, 1998 में न्यूक्लियर टेस्ट के करीब 20 साल बाद पाकिस्तान के लिए ये सबसे अच्छा वक्त था। हुसैन ने जैश-ए-मोहम्मद के सगरना मसूद अजहर के खिलाफ यूएन में प्रस्ताव खारिज होने को अपने मुल्क की कूटनीतिक जीत करार दिया।

उन्होंने कहा, 'हर कोई समान स्तर पर था. लेकिन हमने सही समय पर सही तरीके से सही फैसला लिया और अंतरराष्ट्रीय-राष्ट्री स्तर पर बेतहर कर दिखाया।'

उन्होंने कहा, '1998 में न्यूक्लियर हमले के बाद पुलवामा हमला और उसके बाद- सबकुछ संभालना। चाहे वो राजनीतिक नेतृत्व हो, सरकार हो या विपक्ष. चाहे मिलिटरी हो या फिर मीडिया। सबमें एक बाद कॉमन थी. ये हमारे लिए सबसे अच्छा घंटा था।'

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