खुशखबरी: यहां के 15 फीसदी लोगों में विकसित हुई कोरोना से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता

किसी भी तरह के वायरस और शरीर के भीतर मौजूद रहने वाले रोगाणुओं-विषाणुओं से लड़ने के लिए मनुष्य का शरीर रोग प्रतिरोधेक क्षमता (इम्युनिटी) बना लेता है। कोरोना वायरस को भी लेकर एक राहत की खबर है

Update:2020-04-11 09:31 IST

नई दिल्ली किसी भी तरह के वायरस और शरीर के भीतर मौजूद रहने वाले रोगाणुओं-विषाणुओं से लड़ने के लिए मनुष्य का शरीर रोग प्रतिरोधेक क्षमता (इम्युनिटी) बना लेता है। कोरोना वायरस को भी लेकर एक राहत की खबर है कि यूरोप में 15 फीसदी लोगों में कोरोना से लड़ने की इम्युनिटी बन चुकी है। वैज्ञानिकों के एक रिसर्च में ये पता चला है कि लोगों में न तो कोई लक्षण दिखा है और न ही पहले कोई संक्रमित हुआ था।

यूनिवर्सिटी ऑफ बॉन के प्रमुख शोधकर्ता और वायरोलॉजिस्ट प्रो. हेंड्रिक स्ट्रीक का कहना है कि जर्मनी का वुहान बन चुके गैंगेल्ट क्षेत्र में एक अध्ययन से पता चला है कि 15 फीसदी निवासियों में कोरोना से लड़ने की एंटीबॉडीज बन चुकी हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि ये आंकड़ा पहले की तुलना में तीन गुना अधिक है। वैज्ञानिकों ने इस आधार पर यूरोप के अलग-अलग क्षेत्रों में रहने वाले एक हजार लोगों पर अध्ययन किया। इसमें उन्होंने पाया कि दो फीसदी लोग अभी संक्रमित हैं जबकि 14 फीसदी लोगों में एंटीबॉडीज बन चुकी हैं। इससे पहले पांच फीसदी लोगों में वायरस से लड़ने की एंटीबॉडीज थीं।

 

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इसी तरह प्रो. गुंटर हार्टमन का कहना है कि आने वाले समय में 60 से 70 फीसदी लोगों में हर्ड इम्युनिटी होगी और वायरस आबादी से पूरी तरह खत्म हो जाएगा और बुजुर्ग लोग वायरस के खतरे से दूर हो जाएंगे। उनका कहना है कि आने वाले समय में ऐसी ही स्थिति रही तो जर्मनी में मौत की दर 0.37 फीसदी हो जाएगी। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस तरह से सुधार देखा गया तो आने वाले समय में लॉकडाउन में लोगों को कुछ राहत दी जा सकती है।

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ब्रिटेन के वरिष्ठ वैज्ञानिक सर पैट्रिक वैलेंस का कहना है कि दुनिया का हर तीसरा व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है पर उनमें लक्षण नहीं दिख रहे हैं। इसी का नतीजा है कि वे जाने-अनजाने में वायरस को एक दूसरे में फैला रहे हैं। हालांकि वे इस बात से संतुष्ट हैं कि दुनिया के सभी देशों में जनंसख्या के अनुपात में संक्रमित लोगों की संख्या अभी एक अंक में ही है। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि आने वाले समय में अधिकतर लोग इसके प्रति प्रतिरोधक क्षमता से युक्त हो जाएंगे और वायरस का प्रभाव खत्म होगा।

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