चीन पर परमाणु बम: 15 मिनट में भीषण तबाही, रूस मिसाइल दागने को था तैयार

रूस और चीन के आपसी संबंध काफी मजबूत होते दिखाई दे रहे हैं। कभी ऐसा भी समय होता था, कि ये दोनों देश एक-दूसरे की जान के दुश्मन थे। सिर्फ यही नहीं, रूस ने तो चीन को सबक सिखाने के लिए परमाणु मिसाइलें दागने तक की योजनाएं बना ली थीं।

Update: 2020-11-10 10:48 GMT
रूस और चीन के आपसी संबंध काफी मजबूत होते दिखाई दे रहे हैं। कभी ऐसा भी समय होता था, कि ये दोनों देश एक-दूसरे की जान के दुश्मन थे। सिर्फ यही नहीं, रूस ने तो चीन को सबक सिखाने के लिए परमाणु मिसाइलें दागने तक की योजनाएं बना ली थीं।

पेइचिंग। भारत से सीमा विवाद के बीच रूस और चीन के आपसी संबंध काफी मजबूत होते दिखाई दे रहे हैं। कभी ऐसा भी समय होता था, कि ये दोनों देश एक-दूसरे की जान के दुश्मन थे। सिर्फ यही नहीं, रूस ने तो चीन को सबक सिखाने के लिए परमाणु मिसाइलें दागने तक की योजनाएं बना ली थीं। ऐसे में अब इसका खुलासा हुआ है। इस बारे में अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने सीआईए ने अपनी रिपोर्ट पेश की है, इसके बारे में साफ-साफ जिक्र किया गया है।

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चीन और रूस के बीच सीमा संघर्ष

दरअसल शीत युद्ध के वक्त एक समय ऐसा भी आया था, जब पूरी दुनिया पर परमाणु हमले का खतरा मंडराने लगा था। उस समय रूस के राष्ट्रपति निकिता ख्रुश्चेव ने फिदेल कास्त्रो के कहने पर अपनी परमाणु मिसाइलों को क्यूबा में तैनात कर दिया था। उस वक्त तक कम्युनिस्ट शासित देशों में सबसे बड़ा और शक्तिशाली होने के कारण रूस का सपोर्ट चीन भी करता था।

हालाकिं 16 अक्टूबर 1964 को चीन के पहले परमाणु परीक्षण के बाद से परिस्थितियां धीरे-धीरे बदलने लगी थीं। चीन ने इस परीक्षण को प्रोजक्ट 596 (Project 596) का नाम दिया था। इस सफल परीक्षण के बाद चीन दुनिया का पांचवा ऐसा देश बन गया था। जिसके पास परमाणु हथियार की क्षमता थी। उस दौरान चीन और रूस के बीच सीमा संघर्ष चरम पर था।

फोटो-सोशल मीडिया

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सैनिकों और हथियारों की तैनाती को भी बढ़ा दिया

सन् 1965 से चीन-रूस की सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच सैन्य झड़पें तेजी से बढ़ने लगी थीं। इन झड़पों में दोनों देशों के कई सैनिक हताहत भी हुए थे। जिसके बाद संभावित युद्ध की आशंका से चीन और रूस ने सीमा पर सैनिकों और हथियारों की तैनाती को भी बढ़ा दिया था।

फिर 1969 में दोनों देशों के बीच तनाव इतना बढ़ गया था कि मार्च से सितंबर तक दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ अघोषित युद्ध तक लड़ लिया।

ऐसे में सीआईए की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की इस कार्रवाई से रूस इतना आक्रामक हो गया कि उसने स्ट्रैटजिक मिसाइल फोर्स को हाई अलर्ट पर रख दिया। उस वक्त रूस की परमाणु मिसाइलें 1500 किलोमीटर की दूरी पर 15 मिनट से भी कम समय में हमला करने को तैयार थीं।

लेकिन रूस ने दूसरा विकल्प अपनाते हुए केजीबी के एलीट बॉर्ड गार्ड्स की टुकड़ी यानी सेना से चीनी सैनिकों पर हमला किया। जिसमें चीनी पक्ष के सैकड़ों जवान मारे गए। फिलहाल इस पूरी रिपोर्ट में चीन और रूस के आपसी संबंधों का ब्यौरा दिया गया।

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