Ukraine Crisis: युद्धग्रस्त यूक्रेन ने भारत से मांगी अतिरिक्त सहायता, राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी को लिखा खत

Russia-Ukraine War: दोनों मुल्क दुनिया में अपने लिए समर्थन जुटा रहे हैं। भारत ने न ही पश्चिम की तरह रूस का विरोध किया है और न ही बेलारूस और चीन की तरह खुलकर जंग का समर्थन किया है। यूक्रेन कई बार भारत से इस मसले पर मध्यस्थता की अपील कर चुका है।

Update:2023-04-12 19:12 IST
Ukraine President Volodymyr Zelensky (Pic: Social Media)

Russia-ukraine War: रूस – यूक्रेन युद्ध के एक साल से अधिक हो चुके हैं लेकिन अभी तक कोई भी पक्ष किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाया है। दोनों मुल्क दुनिया में अपने लिए समर्थन जुटा रहे हैं। भारत ने न ही पश्चिम की तरह रूस का विरोध किया है और न ही बेलारूस और चीन की तरह खुलकर जंग का समर्थन किया है। यूक्रेन कई बार भारत से इस मसले पर मध्यस्थता की अपील कर चुका है। इसी बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक खत लिखा है।

दरअसल, यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमिन झापरोवा इन दिनों भारत दौरे पर हैं। झापरोवा ने यूक्रेनी राष्ट्रपति का ये खत एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय उप विदेश मंत्री मीनाक्षी लेखी को सौंपा। खत में अतिरिक्त मानवीय सहायता की मांग की गई है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी से दवाओं और मेडिकल उपकरणों समेत अन्य जरूरी चीजें मुहैया कराने का आग्रह किया है।

एक साल से लंबे समय से चल रहे इस जंग में यूक्रेन काफी तबाह हो चुका है। उसके कई शहर मलबे के ढ़ेर में तब्दील हो चुके हैं। लगातार जारी रूसी हमलों के कारण बड़ी संख्या में सैन्य के साथ-साथ असैन्य नागरिक भी जख्मी हो रहे हैं। जिनके उपचार के लिए दवाएं और मेडिकल उपकरण कम पड़ रहे हैं। यही वजह है कि यूक्रेन भारत समेत अन्य मुल्कों से मदद की अपील कर रहा है।

यूक्रेन ने भारत को दी ये सलाह

भारत दौरे पर आईं यूक्रेन की उप विदेश मं एमिन झापरोवा ने मेजबान देश को चीन और पाकिस्तान को लेकर एक सलाह भी दे डाली। उन्होंने कहा कि भारत उन दुश्मनों को पहचाने जो सोचते हैं कि वह कुछ भी गलत करके बच निकल जाएंगे। झापरोवा का इशारा साफ तौर पर चीन और पाकिस्तान की ओर था, जिससे भारत का लंबे समय से सीमा पर विवाद चल रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल यूक्रेन पर हुए रूसी हमले की घटनाएं इस बात का उदाहरण है कि खराब पड़ोसियों से कैसे निपटा जाना चाहिए। चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते मुश्किल रहे हैं। क्रीमिया में जो हुआ, भारत को उससे सबक लेना चाहिए। जब भी कुछ गलत होता है यदि उसे न रोका जाए तो वो बड़ी समस्या बन जाता है।

बता दें कि यूक्रेन पर पहला बड़ा हमला राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व में रूस ने साल 2014 में किया था। रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया वाले हिस्से को उससे अलग कर अपने में मिला लिया था। यहां पर रूसी भाषा बोलने लोगों की संख्या ज्यादा है।

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