Russia Wagner Group: अमेरिका की लगी निगाह, यूक्रेन भी बैठा तैयार
Russia Wagner Group: व्हाइट हाउस ने बताया है कि बिडेन और ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन के चल रहे जवाबी हमले पर चर्चा की, और राष्ट्रपति बिडेन ने निरंतर सुरक्षा, आर्थिक और मानवीय सहायता सहित अमेरिका के अटूट समर्थन की पुष्टि की।
Russia Wagner Group: रूस के महाबली नेता पुतिन के ख़िलाफ़ निजी सेना "वैगनर ग्रुप" के विद्रोह से पूरी दुनिया में खलबली है। क्योंकि पुतिन के कमजोर होने के बहुत दूरगामी नतीजे होने तय हैं। इस प्रकरण में अमेरिका, चीन, यूक्रेन बेहद सक्रिय हो गए हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेन्स्की से फोन पर बात भी की है।
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व्हाइट हाउस ने बताया है कि बिडेन और ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन के चल रहे जवाबी हमले पर चर्चा की, और राष्ट्रपति बिडेन ने निरंतर सुरक्षा, आर्थिक और मानवीय सहायता सहित अमेरिका के अटूट समर्थन की पुष्टि की।" बताया गया है कि दोनों नेताओं ने रूस में हाल की घटनाओं पर भी चर्चा की।
ज़ेलेंस्की ने बीबी ट्विटर पर बिडेन के साथ अपनी बातचीत को "सकारात्मक और प्रेरणादायक" बताया। ज़ेलेंस्की ने कहा, "हमने युद्ध और रूस में होने वाली घटनाओं पर चर्चा की। अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बहाल होने तक दुनिया को रूस पर दबाव डालना चाहिए। इसके पहले ज़ेलेंस्की ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और पोलिश राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से भी बात की थी।
अमेरिका की निगाह
अमेरिका रूस के घटनाक्रम पर करीबी निगाह रखे है। खबरें हैं कि अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसियों को वैगनर ग्रुप के विद्रोह की पहले से जानकारी थी। अमेरिका ने इस घटना पर न तो पुतिन के पक्ष में कोई बात कही है न वैगनर नेता प्रिगोझिन के पक्ष में। क्योंकि अमेरिका की किसी भी पक्ष की आलोचना की तो उसका मतलब दूसरे पक्ष को अमेरिकी सपोर्ट होगा। अभी तक अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकेन ने यही कहा है कि रूस के घटनाक्रम से साफ है कि पुतिन की दीवार दरक रही है। माना जा रहा है इन हालातों में अमेरिका यूक्रेन को रूस के खिलाफ और भी हथियार या अन्य मदद मुहैया करेगा।
यूक्रेन पर भी पड़ेगा असर
दरअसल, वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने अपने सैनिकों को मॉस्को की ओर मार्च करने का आदेश दिया था और रूस के सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेंकने की धमकी दी थी। संभावित विद्रोह तब समाप्त हुआ जब प्रिगोझिन ने मार्च को रोकने और अपने सैनिकों को बेलारूस ले जाने के समझौते को स्वीकार कर लिया। अब यूक्रेन के सामने दो स्थितियां बन रही हैं, पहली यह कि पुतिन इस समय हिले हुए हैं सो मौके का फायदा उठा कर यूक्रेन अपने हमले तेज कर सकता है और रूस में बैठे पुतिन विरोधियों को उकसाया जा सकता है। इसमें यूक्रेन को पश्चिमी मदद की बड़ी दरकार होगी। दूसरी स्थिति ये है कि वैगनर ग्रुप अब बेलारूस से यूक्रेन की राजधानी कीव पर सीधे कर सकता है, क्योंकि इस तरह के संकेत मिले हैं। वैगनर ग्रुप के नेता प्रिगोझिन भले ही अभी बच कर बेलारूस निकल गए हैं लेकिन इन्हें पता है कि पुतिन उन्हें छोड़ने वाले नहीं हैं। सो पुतिन को खुश करने में वह यूक्रेन पर एक बड़ा हमला कर सकते हैं।
चीन का रूस को समर्थन
इस बीच असफल विद्रोह के बाद देश को स्थिर करने के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रयासों को चीन ने अपना समर्थन दिया है। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन ने रूसी उप विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको की बीजिंग की अघोषित यात्रा के दौरान मास्को में नेतृत्व के लिए समर्थन की घोषणा की। रूसी बयान में कहा गया, "चीनी पक्ष ने 24 जून की घटनाओं के संबंध में देश में स्थिति को स्थिर करने के लिए रूसी संघ के नेतृत्व के प्रयासों के लिए समर्थन व्यक्त किया और रूस की एकता और आगे की समृद्धि को मजबूत करने में अपनी रुचि की पुष्टि की।" चीनी विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा, रुडेंको ने "आम चिंता के अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों" पर चर्चा करने के लिए चीनी विदेश मंत्री किन गैंग से मुलाकात की। रूसी मंत्री की अचानक चीन यात्रा के तार वैगनर विद्रोह से जोड़े जा रहे हैं।