पुतिन को हुई खतरनाक बीमारी पार्किंसंस, जानिए क्या है ये रोग और इसके लक्षण

रूस के राष्ट्रपति पुतिन अभी 68 वर्ष के हैं। उन्होंने पहली बार 7 मई 2000 को राष्ट्रपति का पदभार संभाला था। पुतिन रूस के प्रधानमंत्री भी रहे हैं। राष्ट्रपति पुतिन पैरों के लगातार हिलने (कांपने) की समस्या से जूझते हुए देखे गए। यह इस बीमारी का लक्ष्ण है।

Update: 2020-11-06 17:06 GMT
रूस के राष्ट्रपति पुतिन अभी 68 वर्ष के हैं। उन्होंने पहली बार 7 मई 2000 को राष्ट्रपति का पदभार संभाला था। पुतिन रूस के प्रधानमंत्री भी रहे हैं।

लखनऊ: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक गंभीर बीमारी से ग्रसित है। रिपोर्ट में दावा किया जा रहा इस बीमारी के कारण पुतिन अगले साल राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे सकते हैं। रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि पुतिन के पार्किंसंस बीमारी से पीड़ित होने की संभावना है। हाल ही में रूस के राष्ट्रपति में इस बीमारी के लक्षण देखे गए थे।

रूस के राष्ट्रपति पुतिन अभी 68 वर्ष के हैं। उन्होंने पहली बार 7 मई 2000 को राष्ट्रपति का पदभार संभाला था। पुतिन रूस के प्रधानमंत्री भी रहे हैं। राष्ट्रपति पुतिन पैरों के लगातार हिलने (कांपने) की समस्या से जूझते हुए देखे गए। यह इस बीमारी का लक्ष्ण है।

जानिए पार्किंसंस बीमारी के बारे में

यह एक की मानसिकी बीमारी है। पार्किंसंस रोग से नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। यह कई शारीरिक गतिविधियों पर प्रतिकूल रूप से प्रभाव डालता है। यह न्यूरोडीजेनेरेटिव डिसऑर्डर के रूप में भी जाना जाता है। यह बीमारी जल्दी पता नहीं चल पाती है, क्योंकि दिमाग में यह धीरे विकास करता है। यह बीमारी ज्यादा बढ़ने पर जानलेवा साबित हो सकती है।

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एक रिपोर्ट के मुताबिक, पार्किंसंस बीमारी से हर साल पूरी दुनिया में करीब 10 मिलियन लोग ग्रसित होते हैं। हर साल इस बीमारी की वजह करीब एक लाख लोगों को मौत हो जाती है। इस बीमारी से पुरुषों की ज्यादा मौत होती है। यह बीमारी 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में नजर आती है। कई बार जीन में ये बीमारी होने की वजह से बच्चों को भी शिकार बना लेती है।

पार्किंसंस बीमारी ठीक नहीं होती है, लेकिन दवाओं के कारण इसके लक्षणों में सुधार हो सकता है। कुछ मामलों में डॉक्टर्स, मरीज के मस्तिष्क को व्यवस्थित करने और लक्षणों में सुधार लाने के लिए सर्जरी करने को कहते हैं।

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बीमारी की वजह

यह गंभीर बीमारी जेनेटिक वजह से हो सकती है। इसके साथ वायरस के संपर्क में आने से भी हो सकती है, दिमाग की नस का दबने, सिर पर चोट लगने, वातावरण बदलने की वजह से भी हो सकती है।

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ऐसे होती है बीमारी की पहचान

इस गंभीर की पता लगाने के लिए हेल्थ हिस्ट्री देखा जाता है। इसके साथ ही सी.टी स्कैन, एम.आर.आई और डोपामाइन ट्रांसपोर्टर (डी. ए. टी) के जरिए इसका पता लगाया जाता है।

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