Nato Plus: भारत को नाटो प्लस में जोड़ने की एक और कवायद
Nato Plus: सीनेटर मार्क वार्नर ने कहा कि सीनेटर जॉन कॉर्निन और मैं इस सप्ताह एक स्टैंडअलोन बिल के रूप में और रक्षा प्राधिकरण अधिनियम में संशोधन के रूप में, भारत - अमेरिकी रक्षा संबंधों को उन्नत करने के प्रयास के रूप में पेश करेंगे।
Nato Plus: भारत और अमेरिका के रिश्तों में ऐतिहासिक बदलाव की फ़िज़ा के बीच भारत को नाटो ग्रुप में जोड़ने की कवायद की भी बात हो रही है। इस कोशिश में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों लगे हैं। एक रसूखदार अमेरिकी सीनेटर ने कहा है कि वह भारत को नाटो प्लस समूह का हिस्सा बनाने के लिए एक विधेयक पेश करने की योजना बना रहे हैं। ऐसा होने पर शीर्ष अमेरिकी प्रौद्योगिकी और रक्षा उपकरणों को भारत को ट्रांसफर करने की सुविधा प्रदान हो जाएगी। नाटो प्लस (वर्तमान में नाटो प्लस 5) एक ऐसी सुरक्षा व्यवस्था है जो रक्षा और खुफिया संबंधों को बढ़ावा देने के लिए नाटो और अन्य पांच गठबंधन देशों - ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, इज़राइल और दक्षिण कोरिया को एक साथ लाती है।
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दोनों दलों के सीनेटर
सीनेटर मार्क वार्नर ने कहा कि सीनेटर जॉन कॉर्निन और मैं इस सप्ताह एक स्टैंडअलोन बिल के रूप में और रक्षा प्राधिकरण अधिनियम में संशोधन के रूप में, भारत - अमेरिकी रक्षा संबंधों को उन्नत करने के प्रयास के रूप में पेश करेंगे। उन्होंने कहा - हम नाटो प्लस फाइव व्यवस्था में भारत को जोड़ना चाहते है। इससे अमेरिका नौकरशाही हस्तक्षेप के बगैर, रक्षा उपकरणों को बहुत मजबूत तरीके से स्थानांतरित करने में सक्षम होगा। सीनेटर मार्क वार्नर डेमोक्रेट हैं और सीनेट में इंडिया कॉकस की अध्यक्षता करते हैं। जबकि सीनेटर जॉन कॉर्निन, रिपब्लिकन हैं और इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं।
लंबा प्रोसेस
वार्नर और कॉर्निन के विधयेक को कानून बनने से पहले अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों से पारित करने की आवश्यकता होगी। दूसरे सदन यानी प्रतिनिधि सभा में इसके लिए पहले से ही कुछ समर्थन है, जिसकी चीन पर समिति ने भारत को जून की शुरुआत में नाटो प्लस में शामिल करने की सिफारिश की थी। भारत को नाटो प्लस में लाने की यह पहली कोशिश नहीं है। पहले के प्रयास कुछ प्रमुख सांसदों के विरोध के कारण विफल रहे हैं।
भारत का इनकार
अमेरिकी सीनेटर भले ही कोशिश कर रहे हों लेकिन भारत ने नाटो में कोई रुचि नहीं दिखाई है। भारत ने स्पष्ट किया है नाटो में शामिल होने का उसका कोई इरादा नहीं है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में कहा था कि सैन्य गठबंधन "भारत के लिए उपयुक्त नहीं है"। नाटो 31 सदस्य देशों - 29 यूरोपीय और दो उत्तरी अमेरिकी के बीच एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन है। इसका मुख्य उद्देश्य राजनीतिक और सैन्य माध्यमों से अपने सदस्यों की स्वतंत्रता और सुरक्षा की गारंटी देना है।