दुबई के शेख ने लगवाई चीन की ट्रायल वाली कोरोना वैक्सीन
दुबई के शासक शेख मकतूम ने वैक्सीन का इन्जेक्शन लगवाते हुये अपनी फोटो 3 नवम्बर को ट्विटर पर पोस्ट की। उन्होंने एक मैसेज में लिखा - हम सभी की सुरक्षा और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं। हमें अपनी टीमों पर गर्व है जिन्होंने लगातार काम करते हुए यूएई में ये वैक्सीन उपलब्ध कराई।
नीलमणि लाल
लखनऊ। बहरीन के बाद अब दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने कोरोना की एक्सपेरिमेंटल वैक्सीन लगवाई है। ये वैक्सीन चीन में डेवलप की जा रही है जिसका ट्रायल यूएई में हो रहा है।
दुबई के शासक शेख मकतूम ने वैक्सीन का इन्जेक्शन लगवाते हुये अपनी फोटो 3 नवम्बर को ट्विटर पर पोस्ट की। उन्होंने एक मैसेज में लिखा - हम सभी की सुरक्षा और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं। हमें अपनी टीमों पर गर्व है जिन्होंने लगातार काम करते हुए यूएई में ये वैक्सीन उपलब्ध कराई।
चीनी और रूसी वैक्सीन के ट्रायल
यूएई में दो वैक्सीनों के तीसरे चरण के ट्रायल किये जा रहे हैं। इनमें एक वैक्सीन रूस में डेवलप की गई 'स्पूतनिक 5' है जबकि दूसरी वैक्सीन चीन की सीनोफार्म कम्पनी की है।
चीन की दिग्गज दवा निर्माता कंपनी 'सीनोफार्म' ने यूएई में जुलाई में कोरोना की वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू किया था। यूईए के अधिकारियों का कहना है कि ट्रायल के पॉजिटिव रिजल्ट आये हैं। पिछले महीने अधिकारियों ने घोषणा की थी कि यूएई ने रूस की स्पूतनिक 5 वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दी है। इस वैक्सीन को मंजूरी देने वाला यूएई मिडिल ईस्ट का पहला देश है।
कई मंत्रियों ने लगवाई वैक्सीन
यूएई के शासक शेख मकतूम देश के प्रधानमंत्री भी हैं। यूएई सात अमीरातों का देश है और यहां 1 लाख 36 हजार से ज्यादा कोरोना के केस मिल चुके हैं जिनमें से 503 की मौत हो चुकी है। शेख मकतूम के अलावा विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन ज़ायेद अल नाहयान और उप प्रधानमंत्री शेख सैफ बिन ज़ायेद अल नाहयान ने भी ये प्रायोगिक वैक्सीन लगवाई।
सितंबर महीने में बहरीन ने बताया था कि क्राउन प्रिंस सलमान ने सिनोफार्म वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में हिस्सा लिया है।
42 वैक्सीनों का ट्रायल
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि दुनिया में कोरोना की 42 वैक्सीनों का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। इनमें से दस तीसरे चरण के एडवांस ट्रायल में हैं। इस स्टेज में बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीनलगा कर देखा जाता है कि वैक्सीन कितनी असरदार हैं। आमतौर पर अलग अलग महाद्वीपों में दासियों हजार लोगों पर ये ट्रायल किया जाता है।