तबाही से कांपा देश: बाढ़ का खौफनाक कहर दक्षिण सुडान में, तबाही ने पिछले 60 साल का रिकॉर्ड तोड़ा
Flood in South Sudan: दक्षिण सूडान में लगातार तीसरी बार भीषण बाढ़ आई है । नतीजतन, दक्षिण सूडान देश की कुल 11 मिलियन आबादी है।
Flood in South Sudan: पिछले 60 वर्षों में दक्षिण सूडान (South Sudan Flood) के कुछ हिस्सों में आई सबसे भीषण बाढ़ ने वर्तमान में बहुत तबाही मचाई है। दक्षिण सूडान के लोगों के परिवार का पेट भरने का प्रथमिक सहारा उनकी फसलें हैं, जो कि बाढ़ के चलते पानी में डूब चुकी है। आबादी के आसपास बने मिट्टी के बांध भी टूट गए हैं। कुछ चुनिंदा एक या दो परिवारों को छोड़कर सभी लोग बाढ़ ग्रस्त इलाका छोड़कर जा चुके हैं।
दक्षिण सूडान में लगातार तीसरी बार भीषण बाढ़ (South Sudan Flood) आई है । नतीजतन, दक्षिण सूडान देश की कुल 11 मिलियन आबादी है। अधिकतम लोगों की आजीविका संकट में आ गई है। पांच साल से देश में चल रहे गृहयुद्ध, भूख और भ्रष्टाचार ने देश की रीढ़ पहले ही तोड़ दी थी । ऊपर से बाढ़ ने हालात और बिगाड़ दिए हैं।
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने बाढ़ के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया था (UN blames climate change for floods) , जिसे अब नजरअंदाज करना बेहद मुश्किल है।
बाढ़ के चलते बढ़ रही असुरक्षा के कारण देश के स्थानीय निवासी बार-बार भागने के लिए मजबूर हो रहे हैं। बाढ़ के मद्देनज़र लोगों का कहना है कि-"यह मेरे जीवनकाल में हुई सबसे बुरी चीज है।" संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि मई के बाद से पूरे दक्षिण सूडान में बाढ़ ने लगभग आधा मिलियन लोगों को बहुत ही व्यापक रूप से प्रभावित किया है।
दोबारा जलवायु परिवर्तन के चलते हालात बिगड़ने की चेतावनी
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization) द्वारा प्रदर्शित इस सप्ताह की रिपोर्ट के अनुसार अफ्रीका के अधिकांश हिस्सों में दोबारा से आने वाले ऐसे जलवायु परिवर्तन के चलते हालात बिगड़ने की चेतावनी दी गई है।
दक्षिण सूडान के अजू बोल येल गांव के 7 लोगों के परिवार ने बाढ़ में पीड़ित अपने घरों और फसलों को खो देने वाले 7 पड़ोसियों की मदद की। इस बाढ़ के चलते बुजुर्ग और बच्चे फर्श पर सोने को मजबूर हैं। जैसे तैसे अपना जीवन-यापन कर रहे हैं।
दक्षिण सूडान में जून के बाद पुनः अगस्त में आई भीषण बाढ़ ने कई घरों को तबाह करने के साथ ही 100 से ज़्यादा परिवारों को विस्थापित कर दिया है।