आर्थिक संकट में फंसे Sri Lanka को भारत ने भेजे 76 हजार मीट्रिक टन पेट्रोल-डीजल

Sri Lanka Economic Crisis: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत ने मदद के लिए 76 हजार मीट्रिक टन पेट्रोल और डीजल भेजा है। इस मदद से श्रीलंका देश में बिजली संकट को कुछ कम कर सकेगा।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Update: 2022-04-07 10:06 GMT

ईंधन टैंकर (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

Sri Lanka News : भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका इन दिनों अभूतपूर्व आर्थिक संकट (Sri Lanka Economic Crisis) का सामना करना पड़ रहा है। ईंधन, दवाईयां और खाने-पीने के सामान तक के देश में लाले पड़े हुए हैं। बेतहाशा महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है। जरूरी चीजों की घोर कमी के साथ-साथ जबरदस्त बिजली संकट भी वहां उत्पन्न हो चुका है। बिजली और डीजल के अभाव में कारखाने भी बंद होने के कगार पर पहुंच चुके हैं। आर्थिक संकट शुरू होने के बाद से भारत लगातार श्रीलंका को मदद भेज रहा है।

भीषण ईंधन संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को भारत ने क्रेडिट लाइन के तहत दूसरी बार पेट्रोल-डीजल सप्लाई किया है। मीडिया रिपोर्टेस के मुताबिक, बीते मंगलवार औऱ बुधवार को भारत से 40 हजार मीट्रिक टन पेट्रोल और 36 हजार मीट्रिक टन पेट्रोल पहुंचा है। भारत अब तक 2.70 लाख मीट्रिक टन से अधिक ईंधन श्रीलंका को भेज चुका है। इसके अलावा भारत सरकार ने श्रीलंका की डूबती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर्ज के रूप में देने का ऐलान भी किया है। बता दें कि भारत इन सबके अलावा श्रीलंका को दवाईयां और चावल भी भेज रहा है।

राजपक्षे सरकार का खिलाफ बढ़ता आक्रोश

श्रीलंका की राजनीति में अंगद के पांव की तरह जमा राजपक्षे परिवार भीषण आर्थिक संकट के बाद वहां की जनता के आंखों का किरकिरी बन चुका है। श्रीलंकाई जनता लगातार राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapakse) से सत्ता छोड़ने की मांग कर रही है। लोगों ने राजपक्षे परिवार पर श्रीलका को बर्बाद करने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार के पास पैसा नहीं है क्योंकि उसने सब कुछ चीन को भेज दिया है। दरअसल राजपक्षे परिवार सत्ता में आने के बाद से चीन के काफी करीब रहा है।

पूर्व राष्ट्रपति और मौजूदा प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे हो या मौजूदा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे सभी की सरकारों में चीन से बंपर कर्ज मिले और ये रकम भारी ब्याज पर हासिल हुई। मीडियो रिपोर्टेस के मुताबिक, देश के विकास के नाम पर लिए गए इन भारी भरकम कर्जों में जमकर धांधली हुई। आरोप है कि राजपक्षे परिवार ने इसके बदौलत अकूत संपत्ति हासिल की है। यही वजह है कि जनता अब इस ताकतवर सियासी परिवार के खिलाफ सड़कों पर उतर आई है।

बता दें कि श्रीलंका में अंतरिम सरकार का गठन अभी तक नहीं हो पाया है। विपक्ष राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है। जबकि गोटबाया इससे साफ इनकार कर चुके हैं। ऐसे में आर्थिक संकट के साथ-साथ देश में सियासी संकट भी नजर आ रहा है। बड़े पैमाने पर सांसदों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद श्रीलंकाई संसद में राजपक्षे सरकार की स्थिति काफी कमजोर हो चुकी है।

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