गूगल कभी नहीं बेचेगा आपकी प्राइवेसी: सुंदर पिचाई

गूगल ने डिजिटल जगत में लोगों की प्राइवेसी को पहले से अधिक पुख्ता करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं, जिनका जिक्र इसमें किया गया।

Update: 2019-05-08 11:03 GMT

नई दिल्ली: गूगल ने कैलिफॉर्निया में हुई अपनी सालाना डिवेलपर कॉन्फ्रेंस Google I/O 2019 में आखिरकार यह बता दिया कि वह अपनी सर्विसेज और इसके ऐप्स का इस्तेमाल करने वालों की डिजिटल प्राइवेसी को लेकर कन्सर्न रखता है।

गूगल ने डिजिटल जगत में लोगों की प्राइवेसी को पहले से अधिक पुख्ता करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं, जिनका जिक्र इसमें किया गया। प्राइवेसी की ग्लोबल चर्चाओं के बीच गूगल ने कहा कि 'हमारा मानना है कि प्राइवेसी और सिक्यॉरिटी सभी के लिए अहम हैं।'

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हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के लेख का शीर्षक भी यही कहता है कि- निजता विलासिता की वस्तु नहीं होनी चाहिए।

सुंदर पिचाई ने लिखा कि निजता व्यक्तिगत होती है। इसी वजह से यह और भी जरूरी हो जाता है कि कंपनियां लोगों को उनके डाटा के इस्तेमाल को लेकर 'चॉयस' स्पष्ट और व्यक्तिगत आधार पर मुहैया करवाएं। हमारे लिए प्राइवेसी को लग्जरी वस्तु नहीं है जोकि केवल कुछ ही लोगों को ऑफर की जाए जो इसके प्रीमियम प्रॉडक्ट और सेवाएं खरीद सकने में सक्षम हों।

प्राइवेसी दुनिया के हर शख्स को बराबरी के आधार पर हासिल होनी चाहिए। सुंदर पिचाई ने अपने लेख में बताया है कि, हम आपके डाटा का इस्तेमाल प्रॉडक्ट्स को सभी के लिए और बेहतर बनाने के लिए करते हैं। लेकिन हम साथ ही इस बात का भी ध्यान रखते हैं कि आप सभी की सूचनाएं सुरक्षित रहें। लेकिन हम आपकी सूचनाओं को प्रोटेक्ट भी करते हैं।

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पिचाई ने अपने इस लेख में लिखा कि हम खुद को खासमखास महसूस करते हैं कि अरबों लोग अपने दिन प्रतिदिन के कामों में मदद के लिए हमारे सर्च, क्रोम, मैप और एंड्रॉयड जैसे प्रॉडक्ट्स पर भरोसा करते हैं। वह लिखते हैं कि पिछले साल भर से अधिक समय से प्राइवेसी को लेकर काफी कुछ लिखा गया है।

मैं समझता हूं कि यह इस दौर के सबसे जरूरी विषयों में से एक है। आज लोग इस बात को लेकर सजग हैं कि उनकी सूचना किस प्रकार से शेयर की जा रही है और इस्तेमाल की जा रही है। दुनिया के अलग अलग हिस्सों के लोगों से बात करके मैंने यह पाया है। परिवार जो साझा डिवाइस के जरिए इंटरनेट यूज करते हैं उनके लिए प्राइवेसी का मतलब एक दूसरे से प्राइवेसी हो सकता है।

छोटा कारोबारी जो क्रेडिट कार्ड पेमेंट स्वीकार्य करना शुरू करना चाहता है, उसके लिए इसका मतलब कस्टमर के डाटा को सिक्यॉर करना हो सकता है। एक किशोर वय युवक या युवती के लिए प्राइवेसी का मतलब यह हो सकता है कि वह अपनी शेयर की गई सेल्फी भविष्य में डिलीट कर सके।

अपने इस लेख में पिचाई ने कहा कि गूगल किसी भी थर्ड पार्टी को आपकी निजी सूचना कभी नहीं बेचेगा। और यह आप ही फैसला लेंगे कि आपकी इंफर्मेशन का इस्तेमाल कैसे किया जाए। उन्होंने अपने लेख में इसके पीछे के एलगोरिदम का जिक्र भी किया।

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साथ ही उन्होंने डाटा को सुरक्षित रखने के लिए एंड्रॉयड फोन के लिए पिछले दिनों लाए गए उस फीचर का भी जिक्र किया जिसके जरिए टू-फैक्टर ऑथन्टिकेशन मुहैया करवाया जाता है।

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