इस डॉक्टर ने कोरोना से सबसे पहले किया अलर्ट, खुद की वायरस से मौत
चीन में फैले कोरोना वायरस की वजह से 563 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 28 हजार लोगों इस वायरस से संक्रमण हैं। भारत में भी अब तक तीन मामले ऐसा सामने आ चुके हैं।
नई दिल्ली: चीन में फैले कोरोना वायरस की वजह से 563 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 28 हजार लोगों इस वायरस से संक्रमण हैं। भारत में भी अब तक तीन मामले ऐसा सामने आ चुके हैं। उन्हीं में एक चीनी डॉक्टर ली वेनलियांग उन आठ लोगों में से थे जिन्होंने सबसे पहले कोरोना वायरस को लेकर चेताया था। उस टाइम उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया था और स्थानीय पुलिस ने उन्हें फटकार भी लगाई थी। वहीं अब वुहान में गुरुवार को डॉक्टर ली वेनलियांग की भी कोरोना वायरस के संक्रमण से ही मौत हो गई।
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डॉक्टर ली ने पिछले साल 30 दिसंबर को ही कोरोना वायरस से चेतावनी दी थी। उन्होंने अपने मेडिकल स्कूल के ऑनलाइन एम्युमनी चैट ग्रुप में बताया था कि उनके अस्पताल में सात मरीज आए हैं जिनमें सार्स जैसी बीमारी के लक्षण मिले हैं। डॉ ली ने बताया था कि कोरोना वायरस की चीन में जड़ें काफी पुरानी है। वर्ष 2003 में भी इस वायरस ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली थी।
चीन में 19 विदेशी नागरिक कोरोना वायरस से संक्रमित: विदेश मंत्रालय
चीन ने गुरुवार को कहा कि देश में रह रहे 19 विदेशी नागरिकों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। लेकिन संक्रमित नागरिकों की नागरिकता का खुलासा नहीं किया गया है। चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने 06 फरवरी गुरुवार को बताया कि चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 563 पहुंच गई और कुल 28,018 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। बुधवार को देश में 73 लोगों की मौत हो गई जो अभी तक एक दिन में मरने वालों की सबसे ज्यादा संख्या है।
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भारत ने अपने नागरिक निकाले
भारत और कई अन्य देश हुबेई प्रांत और इसकी राजधानी वुहान से अपने हजारों नागरिकों को निकाल कर लाए हैं। भारत 647 भारतीय नागरिकों और सात मालदीव के लोगों को हवाई मार्ग से चीन से बाहर ले आया। लगभग 100 भारतीय नागरिक हुबेई में ही रह रहे हैं और 10 तेज बुखार होने की वजह से विमान में नहीं चढ़ पाये। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि 19 विदेशी नागरिकों के 2019-एनसीओवी(कोरोना वायरस का अधिकारिक नाम) निमोनिया से संक्रमण की पुष्टि हुई है। उनमें से दो को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है जबकि 17 का पृथक वार्ड में इलाज चल रहा है। उन्होंने मरीजों की पहचान और नागरिकता का अभी खुलासा नहीं किया गया है।