ट्रंप को बड़ी धमकी: Tiktok आदेश खिलाफ जाएगी कोर्ट, शुरू हुआ युद्ध
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि टिकटॉक सभी यूजर्स की जानकारियां एक ऑटोमेटिक सिस्टम के जरिए हासिल करता है जिसमें लोकेशन से लेकर ब्राउसिंग के साथ सर्च हिस्ट्री की भी जानकारी शामिल होती है.
नील मणि लाल
नई दिल्ली: टिकटॉक ने अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प के आदेश के खिला अदलत का दरवाजा खटखटाने की धमकी दी है. राष्ट्रपति ट्रंप ने आदेश जारी किया है कि अगर चीन की मूल कंपनी बाइटडांस सोशल मीडिया एप टिकटॉक को नहीं बेचती है, तो 45 दिनों में अमेरिका में इसका संचालन बैन कर दिया जाएगा. इसके जवाब में टिकटॉक ने कहा, हम यह सुनिश्चित करने के लिए उपलब्ध सभी उपायों का पालन करेंगे कि कानून का सही तरीके से पालन किया जाए और हमारी कंपनी और यूजर्स के साथ उचित व्यवहार किया जाता है. यदि प्रशासन की तरफ से ऐसा नहीं होता तो हम अमेरिकी अदालतों का सहारा लेंगे.
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चीन ने दी गलती सुधारने की चेतावनी
इससे पहले, चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा मैसेजिंग एप वी चैट और वीडियो-शेयरिंग एप टिकटॉक के खिलाफ बैन के आदेश के बाद ट्रंप प्रशासन पर मनमाने और राजनीतिक हेरफेर का आरोप लगाया था. चीन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए अपनी गलती सुधारने को कहा है और चेताया है कि चीनी एप्स को ब्लॉक करने का अमेरिका का कदम बाजार के सिद्धांतों के खिलाफ है.
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जासूसी करता है टिकटॉक
ट्रंप प्रशासन ने कहा था कि टिकटॉक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. राष्ट्रपति ने आदेश में कहा है कि ये ऐप संभवतः संघीय कर्मचारियों और कॉन्ट्रैक्टर्स की लोकेशन को ट्रैक करने, ब्लैकमेल के लिए व्यक्तिगत जानकारी के डोजियर बनाने और कॉर्पोरेट जासूसी करने की अनुमति देता है.
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि टिकटॉक सभी यूजर्स की जानकारियां एक ऑटोमेटिक सिस्टम के जरिए हासिल करता है जिसमें लोकेशन से लेकर ब्राउसिंग के साथ सर्च हिस्ट्री की भी जानकारी शामिल होती है. इससे पहले ट्रंप ने टिकटॉक को 15 सितंबर की मोहलत दी थी, ताकि वो अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के साथ अपनी सेल डीड का काम पूरा कर सके. माइक्रोसॉफ्ट को इस वीडियो शेयरिंग कंपनी के खरीदने का इच्छुक बताया गया था. इससे पहले अमेरिका के सरकारी कर्मचारियों को टिकटॉक का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए सीनेट में वोटिंग हुई थी. और अब इसी बिल को अनुमोदन के लिए सदन प्रतिनिधि सभा भेजा जाएगा.
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