हिंसा की आग में सुलगते अमेरिका को देख चीन ने लगाए ठहाके, कही ऐसी बात
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, "जब साल 2019 में हॉन्ग कॉन्ग में प्रदर्शनकारियों की वजह से अव्यवस्था फैली थी तो अमेरिका के लोगों और मीडिया का रुख अलग क्यों था।
वाशिंगटन: अमेरिका के वाशिंगटन स्थित कैपिटल हिल में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने जबरदस्त हंगामा किया। भारत में देर रात जब लोग सो रहे थे।
उस वक्त हजारों की संख्या में ट्रंप समर्थक हथियारों के साथ अमेरिका के कैपिटल हिल में घुस गए, यहां तोड़फोड़ की, सीनेटरों को बाहर किया और कब्जा कर लिया।
लंबे संघर्ष के बाद सुरक्षाबलों ने इन्हें बाहर निकाला और कैपिटल हिल को सुरक्षित किया। वाशिंगटन की हिंसा में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। कई स्थानों से हिंसा की खबरें आई हैं। दुनिया भर के देशों ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया।
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पीएम मोदी समेत दुनिया भर के देशों ने जताया अफसोस
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा, ‘वाशिंगटन डीसी में हिंसा और उपद्रव की खबरों से उन्हें दुख पहुंचा है। सत्ता का ट्रांसफर सही और शांतिपूर्ण ढंग से होना जरूरी है. इस तरह के प्रदर्शनों के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता है।
गौर करने की बात ये कि जहां एक तरफ आज अमेरिका की इस घटना को लेकर दुनिया भर के कई बड़े मुल्क दुख और चिंता प्रकट कर रहे थे। ऐसे समय में भी चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आया।
इधर अमेरिका से लोगों के मरने और जगह-जगह से हिंसा की खबरें आ रही थी तो दूसरी तरफ चीन ये सब टीवी पर देखकर बैठे-बैठे ठहाके लगा रहा था।
चीन ने इसे लेकर अमेरिका पर तंज भरी टिप्पणी की है। चीन ने इस घटना की तुलना हॉन्ग कॉन्ग के प्रदर्शन से की है। जुलाई 2019 में हॉन्ग कॉन्ग के लोकतंत्र समर्थक सुरक्षा बलों के घेरे को तोड़ते हुए संसद की इमारत में घुस गए थे।
हॉन्ग कॉन्ग की चीन समर्थक सरकार के एक नए कानून के विरोध में ये प्रदर्शन हुए थे। अमेरिका समेत कई देशों ने हॉन्ग कॉन्ग के प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया था।
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चीन ने कसा तंज
चीन ने अपने बयान में अमेरिका में जल्द से जल्द शांति, स्थिरता और सुरक्षा बहाल होने की उम्मीद जताई है। लेकिन चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हू चुनयिंग साल 2019 में हॉन्ग कॉन्ग की संसद की इमारत में प्रदर्शनकारियों के घुसने पर अमेरिकी मीडिया की प्रतिक्रिया को याद दिलाना नहीं भूली।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, "जब साल 2019 में हॉन्ग कॉन्ग में प्रदर्शनकारियों की वजह से अव्यवस्था फैली थी तो अमेरिका के लोगों और मीडिया का रुख अलग क्यों था।
उस वक्त उन्होंने हॉन्ग कॉन्ग को लेकर किन शब्दों का इस्तेमाल किया था और वे अब क्या कर रहे हैं। अमेरिकी मीडिया अब ट्रंप के समर्थकों के प्रदर्शन को हिंसा, ठगी, अतिवाद और ना जाने क्या क्या कह रही है।
लेकिन हॉन्ग कॉन्ग के दंगों के लिए उन्होंने किन शब्दों का इस्तेमाल किया था? 'खूबसूरत नजारा', 'लोकतंत्र की लड़ाई'।"
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