Indo-UK Relation: जयशंकर से मिले ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली, द्विपक्षीय संबंधों पर हुई चर्चा

Indo-UK Relation: ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने भारतीय विदेश मंत्री के साथ मुलाकात के बाद कहा, भारत और ब्रिटेन के बीच संबंध मजबूत होते जा रहे हैं। हम भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना चाहते हैं।

Update: 2023-03-01 10:18 GMT

ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने एस. जयशंकर से की मुलाकात (Pic: Social Media)

Indo-UK Relation: जी20 की बैठक को लेकर इन दिनों कई देशों के विदेश मंत्री भारत के दौरे पर हैं। इसी क्रम में ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली भी नई दिल्ली पहुंचे। बुधवार को उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच जी20 के अलावा द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा हुई। इस दौरान उन्होंने यंग प्रोफेशनल स्कीम की शुरूआत पर भी चर्चा की।

विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट कर इस बैठक की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, यूके के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली के साथ द्विपक्षीय बैठक से आज सुबह की शुरुआत हुई। हमारी पिछली चर्चा के बाद से हमारे संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की। विशेष रूप से Young Professional Scheme की शुरुआत की सराहना की। इस ट्वीट को क्लेवरली द्वारा रीट्वीट किया गया।

वहीं, ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने भारतीय विदेश मंत्री के साथ मुलाकात के बाद कहा, भारत और ब्रिटेन के बीच संबंध मजबूत होते जा रहे हैं। हम भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना चाहते हैं। मैंने आज विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। हम जी20 के लिए बेहद उत्साहित हैं। क्लेवरली ने आगे कहा कि हम भारत के साथ खूब व्यापार कर रहे हैं। भारत के व्यापार सचिव के साथ मेरी बैठक भी है। हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि व्यापार समझौते से दोनों देशों को लाभ हो।

क्या है यंग प्रोफेशनल स्कीम ?

विदेश मंत्री एस जयशंकर और ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली की बैठक में यंग प्रोफेशनल स्कीम की खास तौर पर चर्चा हुई। क्लेवरली आज आईआईटी दिल्ली में इस स्कीम की शुरूआत करेंगे। ब्रिटिश दूतावास की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, दोनों देशों के बीच ये एक नई साझेदारी है। यह स्कीम सालाना 3 हजार ब्रिटिश और तीन हजार भारतीयों एक-दूसरे के देश में रहने और काम करने का अधिकार देती है।

जेम्स क्लेवरली ने कहा कि इस स्कीम से ब्रिटेन और भारत के संबंध और गहरे होंगे। इससे ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने और भविष्य के लिए उद्योगों को आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।  

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