वैक्सीन के बाद भी खतरा: फिर भी हो सकता है कोरोना, सामने आई बड़ी वजह...

वैक्सीन लगने के छह दिन बाद स्वास्थ्यकर्मी बीमार हो गया। जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया गया।

Update:2020-12-30 18:49 IST

लखनऊ: अमेरिका में सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन दी जा रही है। लेकिन देश में दी गयी फाइजर की वैक्सीन को लेकर संदेह खड़ा हो गया है। कैलिफोर्निया में एक स्वास्थ्यकर्मी को वैक्सीन दिए जाने के एक हफ्ते बाद ही वह संक्रमित हो गया। मैथ्‍यू डब्‍ल्‍यू नाम के स्वास्थ्यकर्मी ने 18 दिसंबर को फेसबुक के जरिये जानकारी दी थी कि आज उसने वैक्सीनेशन कराया है हालाँकि उसके संक्रमित होने से सवाल उठना लाजमी है।

स्वास्थ्यकर्मी को वैक्सीन लगने के एक हफ्ते बाद हुआ कोरोना

दरअसल, कैलिफोर्निया में मैथ्‍यू डब्‍ल्‍यू नाम का स्वास्थ्यकर्मी दो अलग-अलग हॉस्पिटल में नर्स का काम करता है। 18 दिसंबर को इसे कोरोना की फाइजर वैक्सीन दी गयी। उसने फेसबुक के जरिये ये जानकारी साझा करते हुए बताया कि उसे वैक्‍सीन लगवाने के बाद कोई साइड इफेक्‍ट नहीं हुआ था।

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कैलिफोर्निया के नर्स को लगी फाइजर वैक्सीन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैक्सीन लगने के छह दिन बाद वह बीमार हो गया। उसे ठंड लग रही थी और शरीर में दर्द की शिकायत थे। ऐसे में क्रिसमस के बाद वह अस्पताल पहुंचा और कोरोना की जांच कराई। जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया गया।

हालंकि विशेषज्ञों के लिए ये घटना आश्चर्यजनक नहीं रही। उन्होंने इसके पीछे की वजह भी बताई। अमेरिका के संक्रामक रोग विशेषज्ञ क्रिस्टियन रैमर्स ने बताया कि वैक्सीन ट्रायल से यह पता चल चुका है कि वैक्सीन लेने के 10 से 14 दिनों के बाद ही व्यक्ति में इम्यूनिटी तैयार होती है।

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वैक्‍सीन का पहला डोज करीब 50 फीसदी सुरक्षित

यानी किसी शख्स ने अगर वैक्सीन लगवाई है तो 10 से 14 दिन उसमे संक्रमित होने का खतरा रहता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, क्लिनिकल ट्रायल से स्पष्ट हुआ है कि कोरोना वायरस वैक्‍सीन का पहला डोज करीब 50 फीसदी सुरक्षा देता है। वहीं 95 फीसदी सुरक्षा के लिए व्यक्ति को दूसरे डोज की जरूरत होती है।

इसके अलावा एफडीए की गाइडलाइन के मुताबिक, आदेश जारी किया गया है कि स्वास्थ्य नियंत्रक ऐसे किसी भी आदमी को फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन न दें जिसका एलर्जी का कोई इतिहास रहा हो।

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