अमेरिका ने चीन के खिलाफ उठाया ये कड़ा कदम, बौखलाया ड्रैगन, दी बड़ी धमकी

अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने इस फैसले की पुष्टि की है। विभाग की तरफ से कहा गया है कि एसएमआईसी चीन के सैन्य-नागरिक संलयन (एमसीएफ) सिद्धांत से पैदा हुआ है। चीनी सैन्य औद्योगिक परिसर में एसएमआईसी और कुछ गुप्त कंपनियों के बीच साजिश के सबूत मिले हैं।

Update: 2020-12-19 05:00 GMT
अमेरिका और चीन के बीच तनाव चरम पर पहुंचा गया है। अब इस बीच अमेरिका ने चीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। दर्जनों चीनी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है।

नई दिल्ली: अमेरिका और चीन के बीच तनाव चरम पर पहुंचा गया है। अब इस बीच अमेरिका ने चीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। अमेरिका ने दर्जनों चीनी कंपनियों को ट्रेड ब्लैकलिस्ट (व्यापार की काली सूची) में डाल दिया है। इस सूची में चीन की टॉप चिपमेकर कंपनी सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इंटरनेशनल कॉर्प (एसएमआईसी) और चीनी ड्रोन निर्माता 'एचजेड डीजेआई टेक्नोलॉजी लिमिटेड' को भी शामिल किया गया है।

राष्ट्रपति ट्रंप अपना पद से छोड़ने से पहले चीन के खिलाफ एक के बाद एक कार्रवाई कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि ट्रंप चाहते हैं कि चीन पर कड़ा रुख अख्तियार करने वाले राष्ट्रपति के तौर पर उनको लोग जानें। इसीलिए वह एक बार चीन पर कार्रवाई करते हुए दर्जनों चीनी कंपनियों को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है।

अमेरिकी में साजिश कर रही थी एसएमआईसी

अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने इस फैसले की पुष्टि की है। विभाग की तरफ से कहा गया है कि एसएमआईसी चीन के सैन्य-नागरिक संलयन (एमसीएफ) सिद्धांत से पैदा हुआ है। चीनी सैन्य औद्योगिक परिसर में एसएमआईसी और कुछ गुप्त कंपनियों के बीच साजिश के सबूत मिले हैं। इस वजह से यह फैसला लिया गया है। वाणिज्य विभाग अधिकारी ने बताया कि दुनिया की सबसे बड़ी ड्रोन निर्माता कंपनी डीजेआई को भी इस लिस्ट में डाला गया है। हालांकि डीजेआई ने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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चीन ने दी ये प्रतिक्रिया

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका की काली सूची की बात करते हुए कहा कि अमेरिका चीनी कंपनियों के मनमाने दमन पर रोक लगाए। चीन ने कहा है कि चीनी कंपनियों को काली सूची में डालना अमेरिकी उत्पीड़न का पुख्ता सबूत है और बीजिंग अपने अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, हम अमेरिका से अपील करते हैं कि वह विदेशी कंपनियों के खिलाफ अपने अनुचित रवैये पर रोक लगाए।

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एसएमआईसी ने दी थी सफाई

एसएमआईसी ने इससे पहले सफाई देते हुए कहा था कि उसका चीन की सरकार से कोई संबंध नहीं है। अब इस कार्रवाई के बाद अमेरिकी कंपनियों को एसएमआईसी को प्रौद्योगिकी सामान बेचने के लिए लाइसेंस लेना पड़ेगा।

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