रूस का महाविनाशक परमाणु ड्रोन: ऐसे लाएगा सुनामी, मचेगी भयानक तबाही, डरा US

रूस ने दुनिया से वादा किया है कि वह इस महाविनाशक तारपीडो का इस्‍तेमाल पहले नहीं करेगा। रूस के पोसाइडन ड्रोन से अमेरिका चिंतित है। अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री क्रिस्‍टोफर फोर्ड का कहना है कि यह हथियार अमेरिका के शहरों को तबाह कर सकता है।

Update: 2020-11-15 15:43 GMT
रूस ने दुनिया से वादा किया है कि वह इस महाविनाशक तारपीडो का इस्‍तेमाल पहले नहीं करेगा। रूस के पोसाइडन ड्रोन से अमेरिका चिंतित है।

नई दिल्ली: रूस ने परमाणु ऊर्जा से चलने वाला एक ऐसा ऑटोनॉमस ड्रोन तारपीडो को बनाया है। इसका नाम पोसाइडन है। यह इतना खतरनाक है कि अमेरिका में महाविनाश ला सकता है। रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने इस ड्रोन को सेना को सौंपा था। रूसी मीडिया में कहा गया है कि राष्ट्रपति पुतिन ने इन घातक ड्रोन तारपीड्रो का निर्माण कराया है।

यह खतरनाक ड्रोन दुश्‍मन के किसी बड़े हमले का जोरदार जवाब दे सकता है। रूस ने दुनिया से वादा किया है कि वह इस महाविनाशक तारपीडो का इस्‍तेमाल पहले नहीं करेगा। रूस के पोसाइडन ड्रोन से अमेरिका चिंतित है। अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री क्रिस्‍टोफर फोर्ड का कहना है कि यह हथियार अमेरिका के शहरों को तबाह कर सकता है।

रूस के खतरनाक ड्रोन से डरा अमेरिका

क्रिस्‍टोफर फोर्ड ने रूस के अंतरराष्‍ट्रीय कानूनों के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े किए हैं। फोर्ड ने कहा कि पोसाइडन एक परेशान करने वाला हथियार है। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि रूस इस ड्रोन को कई मेगाटन के परमाणु वॉरहेड के साथ फिट करना चाहता है और उसका इरादा समुद्र में लॉन्‍च करने का है।

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उन्होंने कहा कि इससे रेड‍ियोएक्टिव सुनामी पैदा करके अमेरिकी शहरों को पानी के अंदर डूबोने का है। अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री ने चिंता जताते हुए कहा कि महाविनाश करने की क्षमता के साथ पोसाइडन के काम करने के तरीके को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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इस सिस्टम पर भी जताई चिंता

फोर्ड की तरफ सेसोवियतकालीन 'पेरीमीटर/डेड हैंड' ऑटोमेटिक न्‍यूक्लियर लॉन्‍च सिस्‍टम को लेकर चिंता जाहिर की गई है। रूस ने साल 2011 में इस बात की पुष्टि की थी कि यह सिस्‍टम अभी भी काम कर रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि रूसी सिस्‍टम अगर यह अनुमान लगा लेता है कि रूस पर परमाणु हमला किया गया है, तो वह खुद ही फैसला लेकर परमाणु हमला कर सकता है।

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अमेरिका के एंटी बलिस्‍ट‍िक मिसाइल संधि से हटने और पूर्वी यूरोप में एंटी मिसाइल सिस्‍टम तैनात करने के बाद रूस ने साल 2000 के करीब कई महाविनाशक हथियारों को बनाना शुरू किया था।

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