कोरोना से बेहाल इस देश में सख्त फैसला, वायरस फैलाने वालों को माना जाएगा आतंकी
कोरोना वायरस की गंभीरता की अनदेखी के कारण गहरी मुसीबत में फंसे अमेरिका ने अब सख्त फैसला लेना शुरू कर दिया है। इस वायरस से निपटने के लिए बनाए गए नियमों की अनदेखी करने वालों के साथ अब काफी सख्ती की जाएगी।
वाशिंगटन: कोरोना वायरस की गंभीरता की अनदेखी के कारण गहरी मुसीबत में फंसे अमेरिका ने अब सख्त फैसला लेना शुरू कर दिया है। इस वायरस से निपटने के लिए बनाए गए नियमों की अनदेखी करने वालों के साथ अब काफी सख्ती की जाएगी। न्याय विभाग की ओर से जारी नए आदेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस का खतरा दूसरों तक पहुंचाने वालों को अब यहां पर आतंकी समझा जाएगा।
आतंकी मानकर होगी कार्रवाई
अमेरिका के डिप्टी अटार्नी जनरल जेफरी रोसेन ने कहा है कि जानबूझकर इस वायरस को फैलाने वालों पर आतंकी मानकर कार्रवाई की जाएगी। यह जानकारी सीएनएन की एक रिपोर्ट में दी गई है। रोसेन के मुताबिक माना जाएगा कि उसने ऐसा दूसरों को संक्रमित करने के लिए जान बूझकर किया है।
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उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक नए नियम के तहत दोष सिद्ध होने पर उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान किया गया है।
इस बाबत जारी आदेश के मुताबिक ऐसा करने वालों को बायोलॉजिकल एजेंट माना जाएगा। न्याय विभाग के तहत आने वाली सभी एजेंसियों को इस बाबत आदेश जारी करते हुए कहा गया है कि ऐसे किसी भी व्यक्ति को देश में आतंकवाद फैलाने के आरोप के तहत गिरफ्तार किया जाएगा।आदेश में यह भी कहा गया है कि अमेरिका के नागरिक अब ऐसे लापरवाह लोगों को जो इस वायरस को हथियार बना रहे हैं और दूसरे नागरिकों को संकट की स्थिति में डाल रहे हैं, किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गहरे संकट में फंसा अमेरिका
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के जबरदस्त संक्रमण के कारण अमेरिका इस समय गहरी मुसीबत में फंसा हुआ है। देश में अब तक करीब 69000 से अधिक लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। कोरोना वायरस के चलते अब तक अमेरिका में 1000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार अब कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है। खासकर ऐसे लोगों के साथ विशेष रूप से सख्ती की जा रही है जिनकी लापरवाही की वजह से दूसरे लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ रहे हैं।
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संपूर्ण लॉकडाउन का फैसला नहीं
वैसे कोरोना वायरस के इतने गंभीर संक्रमण के बावजूद अभी तक अमेरिका में संपूर्ण लॉकडाउन नहीं किया गया है। यहां अभी तक आंशिक लॉकडाउन की ही स्थिति है। सरकार की ओर से लगातार सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दिया जा रहा है मगर इसके बावजूद तमाम लोग इसे नहीं मान रहे हैं।
पिछले दिनों न्यूयॉर्क में भीड़भाड़ वाली कई तस्वीरों के सामने आने के बाद नियमों को और भी कड़ा किया गया था, लेकिन उसके बावजूद लोगों पर ज्यादा असर पड़ता नहीं दिखा। राष्ट्रपति ट्रंप कोरोना वायरस को देश के सामने एक गंभीर चुनौती तो मान रहे हैं मगर इसे लेकर वह देश में लॉकडाउन करने को तैयार नहीं है। ट्रंप का मानना है कि लॉकडाउन करने से देश के सामने आर्थिक मुश्किलों का दौर खड़ा हो जाएगा और वह देश के सामने आर्थिक संकट नहीं पैदा करना चाहते। यही कारण है कि अमेरिकी सरकार लॉकडाउन करने की जगह नियमों को और कड़ा करने में जुटी हुई है।
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सरकार कर रही हर संभव उपाय
रोसेन का कहना है कि सरकार इस वायरस से पैदा हुए संकट से निपटने के लिए हर संभव प्रयास करने में जुटी हुई है। उन्होंने माना कि आज अमेरिका के सामने कोरोना के चलते काफी बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। उन्होंने कहा कि इस दौरान कई तरह के अपराध सामने आ रहे हैं जिसमें फर्जी मास्क बेचना, कोरोना वायरस से बचाव की स्कीमें तथा अन्य अपराध शामिल हैं।
फर्जी वेबसाइटों के जरिए चल रहा खेल
रोसेन ने कहा कि तमाम तरह की फर्जी वेबसाइट और ऐप धड़ल्ले से इस तरह के खेल को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ऐसा करने वालों से सख्ती से निपटने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे लोगों के साथ सख्ती से पेश आएगी और इस तरह के फर्जीवाड़े को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।