कौन बनेगा अमेरिका का राष्ट्रपति? सट्टेबाजों ने लगाया इन पर दांव
ओपिनियन पोल, कॉर्पोरेट मीडिया और सर्वे चाहे जो कहें, सट्टेबाजों का दांव डोनाल्ड ट्रम्प पर लगा हुआ है। सट्टेबाजों के अनुसार, डोनाल्ड ट्रम्प के जीतने की सम्भावना 2016 के मुकाबले काफी ज्यादा है।
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग आज 3 नवम्बर को बंद हो जायेगी। ओपिनियन पोल, कॉर्पोरेट मीडिया और सर्वे चाहे जो कहें, सट्टेबाजों का दांव डोनाल्ड ट्रम्प पर लगा हुआ है। सट्टेबाजों के अनुसार, डोनाल्ड ट्रम्प के जीतने की सम्भावना 2016 के मुकाबले काफी ज्यादा है।
बीते महीनों यानी अगस्त से अक्टूबर तक ट्रम्प की संभावनाएं काफी घटीं हैं लेकिन एक जुझारू योद्धा की तरह वे मैदान में डटे रहे। असलियत तो ये है कि ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति चुनाव जीतने के संभावनाएं 2016 के मुकाबले लगभग दोगुनी हो गयी हैं। बहरहाल, अब तक विजयी प्रत्याशी पर एक अरब डालर का सट्टा लग चुका है।
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2016 का चुनाव
यूनाइटेड किंगडम की प्रमुख सट्टेबाज कंपनी ‘बेटफेयर’ ने चार साल पहले जब चुनाव के लिए मतदान शुरू हुआ था तब हिलरी क्लिंटन के मुकाबले डोनाल्ड ट्रम्प की जीत की संभावना करीब 18 फीसदी बताई गयी थी। उस समय क्लिंटन की स्पष्ट जीत बताई जा रही थी – करीब 83 फीसदी। क्लिंटन की तरह इस बार बिडेन दांव पर हैं। मतदान के आखिरी दिन ‘बेटफेयर’ ने डेमोक्रेट प्रत्याशी जो बिडेन के जीतने की सम्भावना 66 फीसदी बताई है जबकि ट्रम्प के लिए ये करीब 35 फीसदी है।
‘ओडचेकर’ कंपनी दर्जनों सट्टेबाज कंपनियों के डेटा को अग्रीगेट करती है और उसने बिडेन के जीतने की सम्भावना 65.23 फीसदी और ट्रम्प की 34.78 फीसदी बताई है।
बेटफेयर के सैम रोसबॉटम के अनुसार ट्रम्प पर 2-1 का दांव है जिसके मतलब ये हैं कि वे चार साल पहले के तुलना में इस बार बेहतर स्थिति में हैं। सट्टेबाजों की निगाह में 2016 में ट्रम्प बहुत पीछे थे लेकिन उन्होंने एक जबर्दस्त जीत दर्ज करके सबको चौंका दिया था।
रोसबॉटम ने कहा कि – बिडेन को जीतने के लिए भले ही 1-2 से फेवरिट माना जा रहा है लेकिन उनकी टीम कोई चांस नहीं ले रही है। जीत – हार को पांच प्रमुख राज्य ही तय करेंगे जहाँ आखिरी दिनों में बिडेन और ट्रम्प ने पूरी ताकत झोंक दी है।
दांव ट्रम्प पर ही
ऑनलाइन सर्वे तो बहुत पहले से जो बिडेन को जीता हुआ घोषित कर रहे हैं लेकिन दांव लगाने वाले सट्टेबाज कंपनियों को अनेकों बार गलत साबित करते आये हैं। हफ्ता भर पहले ही सट्टेबाज बहुत कॉंफिडेंट थे लेकिन अब आखिरी दिन वो विश्वास ढीला पड़ा है। असलियत ये है कि बुकमेकर यानी सट्टेबाज कंपनी डोनाल्ड ट्रम्प को जितना कमजोर बताती हैं उतना ज्यादा दांव ट्रम्प पर लगने लगता है। ऐसा लगता है कि बिडेन का कोई खास असर ऑनलाइन बेटिंग यानी सट्टेबाजी पर नहीं पड़ रहा है। ऑनलाइन सट्टेबाज ट्रम्प के पीछे खड़े हुए हैं।
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अधिकांश सट्टेबाज ये मान रहे हैं कि 2020 के नतीजे 2016 की कहानी ही दोहराएंगे
बिडेन की तरह उस समय सर्वे में क्लिंटन को विजयी माना जा रहा था लेकिन 61 फीसदी सट्टेबाजों ने डोनाल्ड ट्रम्प पर दांव लगाया हुआ था। ऑड्सचेकर के अनुसार, 2०१६ के चुनाव में अक्टूबर के अंत तक ट्रम्प के जीतने की संभावना 16.7 फीसदी ही बताई गयी थी लेकिन इन्हीं आखिरी दिनों में ट्रम्प पर 47.6 फीसदी लोगों ने दांव लगाया। इस बार भी यही पैटर्न है जबकि मई महीने से जो बिडेन को सर्वे औरओपिनियन पोल्स में लगातार आगे बताया जा रहा है।
ब्रिटिश फाइनेंसर ने ट्रम्प पर 50 लाख डालर का दांव लगाया
इस बार के चुनाव में सट्टेबाजी का एक रिकार्ड भी बना है। वो यह कि ब्रिटेन के एक पूर्व बैंकर ने डोनाल्ड ट्रम्प की जीत पर 50 लाख डालर का दांव लगाया है। राजनीति में किसी एक व्यक्ति द्वारा इतना बड़ा सट्टा पहली बार लगा है। सट्टा लगाने वाले इस व्यक्ति का नाम नहीं बताया गया है लेकिन ये जानकारी मिली है कि उसने कुराकाओ में एक निजी बुकमेकर कंपनी में ये दांव खेला है। अगर ट्रम्प जीत जाते हैं तो इस सट्टेबज को पांच गुना फायदा होगा।
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