अमेरिका इज बैक: अब चीन की हालत होगी खराब, राष्ट्रपति बाइडन ने दी कड़ी चेतावनी

जो बाइडन ने सत्ता संभालने के बाद अपना पहला राजनयिक भाषण दिया है। ऐसे में चीन को ललकारते हुए जो बाइडन ने वैश्विक मंच से कड़ी संदेश दिया है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीन को कड़ा संदेश देते हुए "अमेरिका इज बैक" की घोषणा की है।

Update: 2021-02-05 06:56 GMT
वैश्विक मंच पर चीन को लेकर जो बाइडन की प्रशासनिक नीति कैसी रहेगी, इस बारे में संकेत देते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका के हित की बात आती है।

नई दिल्ली: बृहस्पतिवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सत्ता संभालने के बाद अपना पहला राजनयिक भाषण दिया है। ऐसे में चीन को ललकारते हुए जो बाइडन ने वैश्विक मंच से कड़ी संदेश दिया है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीन को कड़ा संदेश देते हुए "अमेरिका इज बैक" की घोषणा की है। साथ ही राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि चीन द्वारा पेश की जाने वाली चुनौतियों का अमेरिका सीधे तौर पर सामना करेगा, हालाकिं इसके साथ ही देश हित में बीजिंग के साथ मिलकर काम करने से भी नहीं कतराएगा।

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चीन को ललकारा

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को ‘फॉगी बॉटम’ मुख्यालय में संबोधित करते हुए कहा, ''हम चीन द्वारा आर्थिक शोषण का मुकाबला करेंगे, मानवाधिकारों, बौद्धिक संपदा और वैश्विक शासन पर चीन के हमले को कम करने के लिए दंडात्मक कार्रवाई करेंगे।

ऐसे में वैश्विक मंच पर चीन को लेकर जो बाइडन की प्रशासनिक नीति कैसी रहेगी, इस बारे में संकेत देते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका के हित की बात आती है, तो हम बीजिंग के साथ मिलकर काम करने को भी तैयार हैं।

फोटो-सोशल मीडिया

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देश के अंदर स्थिति बेहतर बनाने के लिए काम

साथ ही उन्होंने ये भी इशारा दिया है कि हम अपने सहयोगियों तथा भागीदारों के साथ काम करके अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में अपनी भूमिका को नया रूप देकर, हमारी विश्वसनीयता एवं नैतिक अधिकार को पुनः प्राप्त करते हुए, देश के अंदर स्थिति बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे।

इस दौरान जो बाइडन ने कहा कि इसलिए ही हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका की भागीदारी बहाल करने और साझा चुनौतियों पर वैश्विक कार्रवाई को उत्प्रेरित करने की खातिर नेतृत्व की स्थिति में आने के लिए काम शुरू कर दिया।

बता दें, इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा था कि उनकी प्राथमिकता ‘गोल्डमैन सैक्स’ (निवेश बैंकिंग) के लिए चीन में पहुंच प्राप्त करना नहीं है।''हमारी प्राथमिकता चीन के आर्थिक शोषण से निपटना है, जिससे अमेरिकी नौकरियां और अमेरिकी कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं।''

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