अमेरिका का मुस्लिम कार्ड: चीन के खिलाफ बिल पास, अब पाक भी नहीं बचेगा

अमेरिकी संसद में उइगुर मुसलमानों के लिए एक बिल पास हुआ है। इसके तहत अमेरिका उइगुर मुस्लिमों का उत्पीड़न करने के जिम्मेदार चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने का कानून बनाने की तैयारी में है।

Update:2020-05-28 09:54 IST

नई दिल्ली: कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका-चीन के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। दोनों देशों के राष्ट्रपति के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच अब अमेरिका ने चीन को घेरने के लिए नया पैतरा अपनाया है। दरअसल, अमेरिकी सीनेट में चीन पर दबाव बनाने के लिए उइगुर मुसलमानों को लेकर एक बिल पारित किया है। फ़िलहाल ये बिल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मंजूरी के लिए व्हाइट हाउस भेजा गया है।

क्या है उइगुर मुसलमानों से जुड़ा बिल:

अमेरिकी संसद में उइगुर मुसलमानों के लिए एक बिल पास हुआ है। इसके तहत अमेरिका उइगुर मुस्लिमों का उत्पीड़न करने के जिम्मेदार चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने का कानून बनाने की तैयारी में है।

बिल को भारी बहुमत से मंजूरी, ट्रम्प की अनुमति बाकि

बिल को भारी बहुमत से मंजूरी भी मिल गयी है। इसमें बिल के पक्ष में 413 लोगों के वोट पड़े तो विपक्ष में सिर्फ एक वोट डाला गया। वहीं अब इस बिल को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मंजूरी के लिए वाइट हाउस भेज दिया गया है। मानवाधिकार के हनन को लेकर चीन पर प्रतिबन्ध लगाने में लगे अमेरिकी नेताओं को उम्मीद है कि ट्रम्प भी इस बिल पर जल्द हस्ताक्षर कर कानून पारित कर देंगे।

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उइगर कानून से पाकिस्तान की बढ़ सकती है मुश्किलें

इस बिल के पास होने के बाद न केवल अमेरिका और चीन के बीच विवाद और अधिक गरमा जाएगा, बल्कि पाकिस्तानी पीएम इमरान खान भी मुसीबत में पड़ सकते हैं। उइगुर मुसलमानों को लेकर चीन के खिलाफ अमेरिका में कानून लागू होने से पाक पीएम इमरान न तो इस बिल का खुलकर विरोध कर सकेंगे और न ही समर्थन।

अमेरिका-चीन विवाद में फंसा पाकिस्तान

वजह ये हैं कि पाकिस्तान चीन पर आर्थिक और सैन्य मदद के लिए निर्भर है। ऐसे में उइगुर मुसलमानों के उत्पीड़न को लेकर वह चीन का विरोध नहीं कर पाता, वहीं समर्थन कर खुद को मुश्किल में नहीं डाल सकता। अमेरिका से भी पाकिस्तान को मदद मिलती रही है, ऐसे में वह इस कानून का भी विरोध नहीं कर सकता।

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उइगर मुस्लिम उत्पीड़न मामला

उइगर शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र में बसे है, जब साल 2003 की चीनी जनगणना हुई तो उइगुरों की आबादी करीब 90 लाख बताई गई। बीते साल ऐसी कई रिपोर्टें आई, जिनमें दावा किया गया कि चीन ने आतंकवाद और धार्मिक चरमपंथ से लड़ने के बहाने मुसलमानों को 'शिविरों' में रखा जहाँ कथित तौर पर उनका ब्रेन वॉश किया जाता है। इस मामले के सामने आने के बाद चीन की काफ़ी आलोचना भी हुई।

वहीं इन दिनों कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि चीनी सरकार कैंप में बंद उइगर मुस्लिमों के अंग निकालकर कोरोना पीड़ितों का इलाज कर रही है।

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